घरों में लगी हैं नकली पनीर बनाने की मशीनें ( Fake cheese being sold in the market )
हाइवे स्थित ढाबों पर मिलावटी और नकली पनीर बेचने वाले कारीगरों का पूरा गिरोह सक्रिय है। इन कारीगरों के घरों में पनीर बनाने की मशीने लगी हैं। मशीन में एक बार में 50 किलो तक नकली पनीर बनकर तैयार हो जाता है। इस मशीन में सबसे पहले पानी डाला जाता है, जो लगातार गर्म होता रहता है। फिर उसमें दूध पाउडर डाला जाता है। इसके बाद यूरिया, डिटर्जेट, व्हाइट ग्रीस, मैदा व गोंद का मिश्रण किया जाता है। थोड़ी देर में मिश्रण फट जाता है। इसके बाद पानी निकालकर नकली पनीर को ढाबों में भेजा जाता है।
ऐसे करें नकली और असली पनीर की पहचान असली पनीर जहां अधिक देर तक रखने में खराब हो जाता है और महंगा आता है वहीं नकली पनीर दो दिन तक रखा जा सकता है। इसको खरीदने में लागत भी कम आती है और ये कई दिन तक ताजा बना रहता है। जिससे इस नकली पनीर से बनाए गए व्यंजन या रेसिपी भी ताजा ही दिखती हैं। इसी नकली पनीर को यात्री बड़े चाव से खाते हैं। मेरठ मेडिकल कॉलेज स्थित लैंब में इस तरह के कई सेंपल जांच के लिए आ चुके हैं जो मानव शरीर के लिए बेहद हानिकारक थे।