एआईएस से पहले आईटीआर भरते समय फॉर्म 26एएस की जांच करनी पड़ती थी। संबंधित वित्त वर्ष में चुकाए सभी कर की डिटेल आयकर विभाग के रिकॉर्ड में है या नहीं। इसकी पुष्टि फॉर्म 26एएस से हो जाती थी। एआईएस का दायरा फॉर्म 26एएस से अलग है। इसमें भरे कर विवरण के अलावा अलग-अलग तरीके से होने वाली आय जैसे वेतन, ब्याज, लाभांश व कैपिटल गेन्स का ब्योरा देना होगा।
फॉर्म 26एएस और एआईएस में गलत जानकारी दी गई हो या विवरण को अपडेट नहीं किया तो ऐसे में संबंधित वित्त वर्ष में किए वित्तीय लेनदेन के वैध कागजात पासबुक, बैंक स्टेटमेंट, सेल डीड और डीमैट स्टेटमेंट आदि होनी जरूरी है। इन दस्तावेजों के आधार पर एआईएस में गलती सुधारने के लिए फीडबैक दे सकते हैं।