गौरतलब है कि दुहाई डिपो में पहली रैपिड ट्रेन के कोच का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि रैपिड रेल के कोच के दुहाई डिपो पर पहुंचते ही इन पर टेस्टिंग का काम शुरू कर दिया जाएगा। जिसके बाद ट्रायल रन का काम शुरू होगा। बता दें कि मार्च 2023 में साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच पहली रैपिड रेल को चलाने की तैयारी है। रैपिड रेल कारिडोर के प्राथमिक खंड में ट्रैक बिछाने, ओएचई लगाने समेत अन्य काम लगभग अंतिम दौर में है।
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UP में जुमे की नमाज को लेकर CM योगी के कड़े निर्देश, कानून व्यवस्था से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं इतने यात्री हर रोज कर सकेंगे सफर आपको बता दें कि रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कारिडोर पर दो तरह की रेल चलाई जाएंगी। जिसमें पहली रेल मोदीपुर से बेगमपुल, परतापुर होते हुए दिल्ली के सरायकाले खां तक चलेगी। इस रेल का नाम रैपिड रेल यानी आरआरटीएस होगा। जबकि दूसरी रेल मोदीपुरम से बेगमपुल होते हुए परतापुर तक चलेगी जिसका नाम मेरठ मेट्रो यानी एमआरटीएस है। वहीं रैपिड रेल की कुल संख्या 30 होगी। ये हर पांच से दस मिनट के अंतराल में 160 किमी की गति से आती जाती रहेंगी। इसके जरिए हर दिन कम से कम करीब आठ लाख लोग दिल्ली-मेरठ के बीच आवागमन करेंगे।
रैपिड में छह और मेट्रो में तीन डिब्बे मेरठ मेट्रो रेल की कुल संख्या 10 रहेगी जो हर पांच से 10 मिनट के अंतराल पर 80 किमी की गति से चलती रहेंगी। रैपिड रेल में छह डिब्बे रहेंगे जबकि मेरठ मेट्रो में तीन डिब्बे रहेंगे। दोनों की डिजाइन और डिब्बे के अंदर बैठने की व्यवस्था में भी अंतर रहेगा। मेरठ मेट्रो रेल के डिब्बे लगभग उसी तरह से रहेंगे जिस तरह के डिब्बे दिल्ली मेट्रो के होते हैं। फिलहाल, अभी गुजरात के सावली से रैपिड रेल पूरी तरह से तैयार करके भेजी जाने लगी है। प्रथम चरण में 11 रेल आएंगी जिसे मार्च 2023 में दुहाई से साहिबाबाद के बीच संचालित किया जाना है।