https://youtu.be/IjGCBELPymE सुबह साढ़े नौ बजे घुड़चढ़ी
घुड़चढ़ी का समय सुबह साढ़े दस बजे का था, लेकिन भीड़ से बचने के लिए इसका समय बदलकर सुबह दस बजे कर दिया गया था, लेकिन भुवनेश्वर के फैंस व अन्य कोर्इ परेशानी से बचते हुए घुड़चढ़ी का समय घरवालों ने साढ़े नौ बजे कर दिया। चंद सेकेंड घोड़ी पर बैठकर भुवनेश्वर पैदल ही कार तक पहुंचे। इस दौरान परिवार के रिश्तेदारों, मित्रों व पड़ोसियों ने जमकर डांस किया। भुवनेश्वर कार से होटल ब्रावुरा की आेर रवाना हुए। सभी रिश्तेदारों के वहां पहुंचने के बाद यहां थोड़ी दूरी पर ही चढ़त हुर्इ। सभी बाराती बैंड-बाजे, ढोल-नगाड़े के साथ डांस करते हुए होटल में पहुंचे।
दोपहर 12.30 बजे वरमाला हुर्इ। होटल के मेन हाॅल में हुए मुख्य कार्यक्रम में 200 से ज्यादा मेहमान शामिल हुए। भुवनेश्वर ने कोलकाता से बनवार्इ क्रीम कलर की शेरवानी पहन रखी थी, तो नुपुर ने लाल रंग का लहंगा पहन रखा था। जयमाला होने के बाद भुवनेश्वर-नुपुर के घर के बड़ों ने आशीर्वाद दिया। भुवनेश्वर की बहन रेखा अघाना समेत अन्य रिश्तेदारों व मित्रों ने डांस किया। आर्य समाज रीतिनुार भुवनेश्वर-नुपुर ने सात फेरे लिए। फेरे की रस्म 2.10 से साढ़े तीन बजे तक चली।
भुवनेश्वर की शादी को कवर करने के लिए काफी मीडियाकर्मी यहां पहुंचे थे, लेकिन भुवनेश्वर कुमार इस बात के लिए राजी हुए कि वह सिर्फ फोटो ही खिंचवाएंगे। फोटो सेशन के दौरान दोनों भुवनेश्वर नुपुर के कान में कुछ कहते भी दिखे। इसके बाद वधू पक्ष की आेर से भुवनेश्वर का टीका किया गया आैर करीब साढ़े चार बजे विदार्इ रस्म हुर्इ। देर शाम को यहीं पर रिशेप्सन भी हुआ।