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लॉकडाउन में आस्ट्रेलिया से आयी कॉल पर पुलिस ने की बुजुर्ग महिला की मदद, हो रही तारीफ बता दें कि केसरगंज में दुकान चलाने वाले किराना व्यापारी की शनिवार रात अस्पताल में कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गई थी। मौत के बाद उनके एक परिजन ने एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल की थी, जिसमें आरोप लगाया था कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से किराना व्यापारी की मौत हुई है। उनकी मौत के अगले दिन रविवार को उनमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। अब मामले में अपनी गर्दन फंसती देख मेडिकल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग दावा कर रहा है कि उनकी पहली रिपोर्ट नेगेटिव आई थी, इसलिए उनकी जांच शुरू नहीं हुई। जबकि मृतक किराना व्यापारी के परिजनों का दावा है कि बुधवार को उनका सैंपल लिया गया था, लेकिन शाम को उनकी मौत के समय तक भी उन्हें रिपोर्ट के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई। वहीं मृतक के बेटे ने पिता की मौत के बाद पूरा घटनाक्रम बताया। उसने बताया कि पिता को 19 अप्रैल को बुखार हुआ था, उन्हें निजी डॉक्टर के यहां दिखाया गया, लेकिन उन्होंने यह कहकर इनकार कर दिया कि हमें मरीज देखने की अनुमति नहीं है। जिसके बाद हमने उन्हें जिला अस्पताल में दिखाया। वहां भी इलाज करने से इनकार करते हुए दो दिन की दवाई देकर घर भेज दिया गया।
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गृह मंत्रालय के आदेश केे बाद खुलने लगी दुकानें, हो गई भीड़भाड़, फिर डीएम ने दिए ये निर्देश इसके बाद बीते मंगलवार को एंबुलेंस रात के साढ़े ग्यारह बजे मम्मी पापा को साथ लेकर मेडिकल आ गई। उसके बाद रात को डेढ़ बजे उन्हें दवाई देकर फिर घर भेज दिया गया। रात को डेढ़ बजे मेरे बुजुर्ग मां बाप पैदल ही घर पहुंचे। बेटे ने आरोप लगाया कि इंसानियत के नाते उन्हें रात को भर्ती किया जा सकता था, लेकिन मेडिकल प्रशासन लगातार लापरवाह बना रहा। बेटे ने बताया कि अगर समय से मेरे पिता का इलाज किया जाता तो उनकी जान बच सकती थी, मैं नहीं चाहता कि अब किसी और की जान इसी तरह जाए।