भाजपा की तर्ज पर कांग्रेस ने भी बांटा प्रदेश
भाजपा की तर्ज पर कांग्रेस ने उप्र के चार टुकडे़ कर दिए हैैं। इनमें पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम प्रदेश, रूहेलखंड और मध्य उप्र का हिस्सा शामिल किया गया है। माना जा रहा है कि आम चुनाव से कुछ समय पहले चुनावी तैयारी के लिहाज से यह बड़ा बदलाव होगा। गौरतलब है कि आज भले ही छोटे दलों के लिए भले ही कांग्रेस डूबता जहाज हो, लेकिन यही कांग्रेस कभी इन दलों के लिए संजीवनी बनकर इनके काम आई थी। सपा हो या बसपा दोनों की उप्र में मजबूती का आधार कांग्रेस ही है।
लंबे समय से इंतजार
गौरतलब है कि कांग्रेसियों को लंबे समय से जिला-शहर कमेटियों में बदलाव का इंतजार है। सूत्रों के अनुसार संगठनात्मक फैसलों को लेकर चल रहा इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है। माना जा रहा है कि राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद और प्रदेश के लिए नए नेतृत्व को लेकर चल रहा असमंजस जल्द ही समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही फ्रण्टल संगठन में खाली पड़े दूसरे पदों को भी भरा जाएगा।
उसूलों से समझौता नहीं
वहीं, कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ.निर्मल खत्री से हुई बातचीत में उन्होंने पत्रिका को बताया कि कांग्रेस ने कभी राजनीति में अपने उसूलों से समझौता नहीं किया। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस प्रदेश में अपने सिद्धांतों से समझौता करती तो सपा और बसपा प्रदेश की सत्ता के आसपास भी नहीं भटक पाती। लोकसभा चुनाव की नजदीकियों को देखते हुए कांग्रेस के अलावा सभी राजनैतिक दलों ने बूथ स्तर की तैयारियां शुरू कर दी है। वहीं, कांग्रेस अभी अपना संगठन भी ठीक तरीके से मजबूत नहीं कर पाई है, लेकिन अब कांग्रेसियों को अधिक इंतजार नहीं करना होगा।