यह भी पढ़ेंः
बिजली के बिल को लेकर योगी सरकार का बड़ा फैसला, लॉकडाउन में परेशान लोगों को मिलेगी राहत इसी के साथ ही जिलों के ग्रीन व ऑरेंज जोन में मूल्यांकन कार्य कराया जाएगा। जिसमें निगरानी के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर मूल्यांकन नियंत्रक तथा कॉलेज स्तर पर समन्वयक नियुक्त किया जाएगा। विश्वविद्यालय द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं एवं ओएमआर शीटों पर बार कोडिंग कराकर महाविद्यालयों को उपलब्ध करायी जाएंगी। उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन होने के उपरान्त विश्वविद्यालय स्तर पर ओएमआर से मिलान कराया जाएगा। इसके लिए विश्वविद्यालय द्वारा मेरठ एवं सहारनपुर के मंडलायुक्तों को पत्र लिखकर मूल्यांकन कराये जाने व उक्त कार्य में संलिप्त शिक्षकों, कर्मचारियों एवं वाहनों को पास जारी करने के लिए कहा जाएगा। परीक्षा समिति द्वारा यह भी निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी महाविद्यालयों के प्राचार्य अपने स्तर से अपने महाविद्यालय को छोड़कर किसी दूसरे महाविद्यालय से परीक्षक व सेवानिवृत परीक्षक बुलाकर प्रयोगात्मक परीक्षाएं संपन्न करा सकते हैं। इस वर्ष की आयोजित होने वाली शेष परीक्षाओं में समय सीमा को कम किया जाएगा तथा छात्र व छात्राओं को प्रश्नपत्र में अधिक विकल्प दिए जाएंगे तथा प्रश्नों के उत्तर भी छात्र व छात्राओं को कम करने होंगे। प्रश्नपत्रों के अंक पहले की ही भांति रहेंगे तथा प्रश्नों की संख्या भी समय के अनुपात में रहेगी।
यह भी पढ़ेंः
लॉकडाउन के दौरान बच्चों के विवाद में पथराव और हुई 50 राउंड फायरिंग, दो युवक घायल कुलपति प्रो. नरेंद्र कुमार तनेजा की अध्यक्षता में उक्त परीक्षा समिति की बैठक में प्रति कुलपति प्रो. वाई विमला, कुलसचिव धीरेंद्र कुमार वर्मा, परीक्षा नियंत्रक डा. अश्वनी कुमार, प्रो. जयमाला, प्रो. वीरपाल, प्रो. एमके गुप्ता, प्रो. जगवीर भारद्वाज, प्रो. एके चौबे, प्रो. जेके ढाका, प्रो. योगेंद्र सिंह, डा. सुधीर कुमार, डा. चमन लाल, डा. सीमा जैन, डा. रेखा तिवारी, डा. अंजलि मित्तल आदि मौजूद रहे।