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मेरठ

यूपी बोर्ड के छात्रों को स्नातक कक्षाआें में नहीं मिल पाएगा एडमिशन, जानिए इसकी बड़ी वजह

विश्वविद्यालय का यह निर्णय नुकसान पहुंचाएगा यूपी बोर्ड के छात्रों को
 

मेरठMay 04, 2018 / 02:08 pm

sanjay sharma

meerut
मेरठ। इस साल यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट का रिजल्ट शानदार रहा है। उत्तीर्ण छात्र-छात्राआें ने स्नातक कक्षाआें के लिए आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने की तैयारी भी शुरू कर दी है। कालेजों में एडमिशन के लिए दस मर्इ से 30 मर्इ तक रजिस्ट्रेशन होने हैं, लेकिन चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ का एक निर्णय इन छात्र-छात्राआें को बहुत नुकसान पहुंचाएगा। हो सकता है 50 फीसदी उत्तीर्ण स्टूडेंट्स को विश्वविद्यालय के कालेजों में एडमिशन ही नहीं मिले। इस निर्णय से यूपी बोर्ड के इंटरमीडिएट प्रथम श्रेणी में पास छात्र-छात्राआें में खलबली मच गर्इ है।
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यूपी बोर्ड का कोटा खत्म किया विश्वविद्यालय ने

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में यूपी बोर्ड के उत्तीर्ण इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राआें का कालेजों में 50 फीसदी कोटा था। विश्वविद्यालय की प्रवेश समिति की बैठक में कालेजों में यह कोटा खत्म करने का निर्णय लिया गया है। पिछले साल तक कालेजों में 50 फीसदी यूपी बोर्ड आैर बाकी 50 फीसदी में सीबीएसर्इ, आर्इसीएसर्इ व अन्य बोर्ड के छात्र-छात्राआें का कोटा होता था। यूपी बोर्ड का 50 फीसदी कोटा होने के बावजूद यहां एडमिशन को लेकर मारामारी रहती थी। अब यह कोटा खत्म होने से स्थिति आैर ज्यादा खराब होगी।
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इनकी मेरिट रहती है हार्इ

यूपी बोर्ड के मुकाबले सीबीएसर्इ, आर्इसीएसर्इ आैर अन्य बोर्ड के छात्र-छात्राआें की मेरिट हमेशा ही हार्इ रही है। इसलिए आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन के समय ही इन बोर्ड के स्टूडेंट्स का एडमिशन पक्का हो जाता था। इस बार यूपी बोर्ड का कोट खत्म होने से सीबीएसर्इ, आर्इसीएसर्इ व अन्य बोर्ड के छात्रों का वर्चस्व बढ़ जाएगा आैर एडमिशन में कटौती यूपी बोर्ड के छात्रों की होगी।
विश्वविद्यालय में इतनी सीटें

विश्वविद्यालय से संबद्ध 66 एडेड व राजकीय कालेजों में स्नातक की कक्षाआें की करीब 40 हजार सीटें हैं। सेल्फ फाइनेंस कालेजों में करीब 75 हजार सीटें हैं, लेकिन इनमें फीस बहुत ज्यादा होने से छात्र इनमें एडमिशन नहीं लेना चाहते। पिछली बार आैसतन 63 फीसदी अंक पर मेरिट लिस्ट से एडमिशन हुए थे। यूपी कोटा खत्म होने के बाद मेरिट लिस्ट काफी उपर जा सकती है, इसलिए यूपी बोर्ड के छात्र-छात्राआें को एडमिशन के लिए काफी मुश्किल होगी।

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