scriptजाट और किसानों को साधने के लिए भाजपा ने की भूपेन्द्र सिंह चौधरी की ताजपोशी, जाट बाहुल्य 20 सीटों पर मिल सकता है लाभ | BJP will get benefit in western UP by becoming BJP state president Bhupendra Singh Chaudhary | Patrika News
मेरठ

जाट और किसानों को साधने के लिए भाजपा ने की भूपेन्द्र सिंह चौधरी की ताजपोशी, जाट बाहुल्य 20 सीटों पर मिल सकता है लाभ

उप्र भाजपा केा आखिरकार भूपेन्द्र सिंह चौधरी के रूप में नया प्रदेश अध्यक्ष मिल ही गया। योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री भूपेन्द्र चौधरी दावेदारी को पहले से ही काफी प्रबल दावेदार माना जा रहा था। भाजपा अपने इस जाट नेता के माध्यम से पश्चिमी यूपी में पार्टी का आधार और अधिक मजबूत करने की तैयारी कर रही है। अब भूपेन्द्र सिंह चौधरी की ताजपोशी के बाद भाजपा को जाट बाहुल्य करीब 20 लोकसभा सीटों पर लाभ की उम्मीद जताई जा सकती है।

मेरठAug 25, 2022 / 04:25 pm

Kamta Tripathi

जाट और किसानों को साधने के लिए भाजपा ने की भूपेद्र सिंह चौधरी की ताजपोशी, जाट बाहुल्य 20 सीटों पर मिल सकता है लाभ

जाट और किसानों को साधने के लिए भाजपा ने की भूपेद्र सिंह चौधरी की ताजपोशी, जाट बाहुल्य 20 सीटों पर मिल सकता है लाभ

लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में जुटी भाजपा पश्चिमी यूपी के नेता को अध्यक्ष की जिम्मेदारी इसी उम्मीद से देना चाहती थी कि जाट वोट बैंक साधा जा सके। ऐसे में भूपेन्द्र सिंह चौधरी सबसे मजबूत जाट नेता माने जा रहे थे। भूपेन्द्र सिंह चौधरी को भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष बनाकर बहुत बडा राजनैतिक दांव खेला है। भाजपा ने भूपेन्द्र सिंह चौधरी के माध्यम से पश्चिमी उप्र में रालोद के असर को कम करने की कोशिश की है। माना जा रहा है कि पश्चिमी यूपी में रालोद और सपा के गठबंधन का असर कम करने के लिए उनको आगे किया गया है। इससे पश्चिमी यूपी की जाटों के प्रभाव वाली 20 लोकसभा सीटों पर भाजपा को लाभ की उम्मीद है।

जाटों और किसानों को साधने के लिए ही भाजपा ने कैबिनेट मंत्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। भाजपा को भूपेन्द्र सिंह चौधरी के प्रदेश अध्यख बनाए जाने से जहां पिछड़े वोट बैंक को साधने में मदद मिलेगी। वहीं किसानों की नाराजगी दूर करने में भूपेन्द्र सिंह चौधरी काफी अहम साबित होंगे। भूपेन्द्र सिंह चौधरी को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की 80 में से 71 सीटों पर जीत प्राप्त की थी। यही नहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए सत्ता में वापसी की थी। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के सामने उसको काफी नुकसान हुआ था।
यह भी पढ़ें

भूपेद्र सिंह चौधरी बने उप्र के नए प्रदेश अध्यक्ष, 2024 से पहले भाजपा का बड़ा दांव

इस दौरान पश्चिमी उप्र की मुरादाबाद मंडल की सभी छह सीटें बिजनौर, मुरादाबाद, अमरोहा, नगीना, संभल और रामपुर भाजपा को गंवानी पड़ी थीं। वहीं सहारनपुर मंडल में सहारनपुर सीट भाजपा हार गई थी। मुजफ्फरनगर में भाजपा को मामूली अंतर से जीत हासिल हुई थी। मेरठ और बागपत लोकसभा सीट पर भाजपा की जीत का अन्य चुनावों के मुकाबले काफी कम रहा था। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में पश्चिमी यूपी में सपाण्रालोद गठबंधन ने बेहतर प्रदर्शन किया। जिससे भाजपा को काफी नुकसान हुआ था। जाट मतदाताओं का झुकाव सपाण्रालोद गठबंधन की ओर रहा था। अब भी 2024 के आम चुनाव में भी यही स्थिति बन रही है।

Hindi News / Meerut / जाट और किसानों को साधने के लिए भाजपा ने की भूपेन्द्र सिंह चौधरी की ताजपोशी, जाट बाहुल्य 20 सीटों पर मिल सकता है लाभ

ट्रेंडिंग वीडियो