यह भी पढ़ें-
उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में कोरोना वैक्सीन ड्राई रन शुरू मुख्य पशु चिकित्साधिकारी मेरठ डॉ. अनिल कंसल ने बताया कि पशुपालन विभाग के निदेशक के आदेश पर जिले के सभी पशु चिकित्सालयों के चिकित्सकों तथा पशुधन प्रसार केंद्रों के प्रभारी और स्टाफ को उक्त कार्य में लगा दिया गया है। साथ ही आम जनता से भी अपील की गई है कि वे पक्षियों से दूरी बनाएं। अगर कहीं किसी पक्षी के मरने की जानकारी होती है तो उसको तुरंत विभाग को बताएं। उन्होंने बताया कि आगरा में मरे कौवों के सैंपल विभाग द्वारा लैब में भेजे गए हैं। विभाग की रिपोर्ट आना शेष है, लेकिन इंदौर में पुष्टि हो जाना कहीं ना कहीं आगरा में भी इस खतरे की ओर इशारा कर रहा है। इंदौर में कई मौतों का कारण एच5एन8 एवियन इन्फ्लूएंजा है। एच5एन1 से लेकर एच5एन5 टाइप तक वाला बर्ड फ्लू का वायरस घातक होता है। ये सभी वायरस एक से दूसरे पक्षी में फैलते हैं।
वहीं, वर्तमान में जिस वायरस से इन कौवों की मौत हुई है, वह केवल कौवों तक ही सीमित है। इससे दूसरे पक्षियों के संक्रमित होने का डर नहीं है। फिर भी वायरस के मामले सामने आते ही आगरा में भी विभाग ने थोड़ी सक्रियता दिखाई है। डाॅ. अनिल कंसल ने बताया कि एक्सपर्ट के अनुसार, यह बीमारी पक्षियों से मनुष्यों में भी आ सकती है, लेकिन अभी तक इसकी आहट इंसानों तक नही पहुंची है। एक्सपर्ट कहते हैं कि यह बीमारी फ्लू से संक्रमित मांसाहारी भोजन के जरिये लोगों में भी आ सकती है।