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इनके नाम पर मनाई जाती है गुरू पूर्णिमा आैर आपके सारे काम सफल होने में गुरू की होती है यह भूमिका किस शुभ मुहूर्त में करें गुरू पूजा पूर्णिमा तिथि 26 जुलाई, 2018 को रात 11.16 बजे से शुरू हो चुकी है। जो 28 जुलाई 2018 को सुबह 10.50 बजे समाप्त हो जाएगी। आज यानी 27 जुलाई को चंद्रग्रहण भले ही रात में लग रहा है, लेकिन इसका सूतक दोपहर 2.54 बजे ही लग जाएगा। यानी आपको गुरु पूजन इससे पहले ही करना होगा। इसके लिए सुबह 10.30 से दोपहर 12.00 बजे तक राहुकाल है। राहुकाल के दौरान भी गुरु पूजन नहीं होगा। ऐसे में आप अपने गुरु की पूजा सुबह 5 बजे से लेकर सुबह 10.29 बजे आैर दोपहर 12.01 से 2.53 बजे तक कर सकते हैं।
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117 साल बाद भारत में पड़ रहा विश्व का सबसे लंबी अवधि का चंद्र ग्रहण, इन राशियों के लिए रहेगा अशुभ, इन बातों का रखें ख्याल गुरु पूजन विधि पंडित भारत ज्ञान भूषण के अनुसार गुरु को भगवान का स्थान प्राप्त है। गुरु ब्रह्मा हैं, गुरु विष्णु हैं और गुरु ही भगवान शंकर हैं। गुरु ही ब्रह्मांड हैं. गुरु के पूजन की विधि भी भगवान के पूजन विधि जैसी ही है। गुरु पूर्णिमा के दिन सुुुुबह-सुबह उठकर घर की साफ सफाई कर लें और फिर स्नान कर साफ कपड़े पहनें। घर के मंदिर में सफेद कपड़ा बिछाकर उस पर 12-12 रेखाएं बनाकर व्यास-पीठ बनाएं। इसके बाद दोनों हाथ जोड़कर इस मंत्र का उच्चारण करें ‘गुरुपरंपरासिद्धयर्थं व्यासपूजां करिष्ये’। इसके बाद दसों दिशाओं में अक्षत (चावल) छोड़ें। व्यासजी, ब्रह्माजी, शुकदेवजी, गोविंद स्वामीजी और शंकराचार्यजी के नाम से पूजा का आहृन करें। अंत में अपने गुरु अथवा उनके चित्र की पूजा करके उन्हें यथा योग्य दक्षिणा प्रदान करें। यदि आपने किसी को अपना गुरु माना है तो आज उनकी पूूूूजा भी जरूर करें। इससे जिन्दगीभर गृरू कृपा आप पर बरसती रहेगी।
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कांवड़ यात्रा 2018: इस जिले में कांवरियों की सुरक्षा को लेकर बना हाईटेक प्लान इस प्रकार करें पूजन सबसे पहले गुरु के चरणों को धोएं। फूल, तिलक, आरती और मिष्ठान से उनकी पूजा करें। उन्हें वस्त्र और दक्षिणा दें और उनके पैर छुएं। गुरु का आशीर्वाद लें और गुरु को भोजन कराएं।