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मेरठ

कोरोना के बाद अब जिले में डेंगू बना चुनौती, मिल चुके हैं तीन केस

डॉ. तुंगवीर सिंह आर्य ने बताया कि डेंगू बुखार प्रत्येक वर्ष सितंबर के अंतिम सप्ताह और अक्टूबर के महीने में पीक पर होता है।

मेरठAug 30, 2021 / 07:05 pm

Nitish Pandey

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मेरठ. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पूरी तरह से थम गई है। लेकिन कोरोना संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है। इसी बीच डेंगू के मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग की परेशानियां बढ़ गई है। प्राइवेट चिकित्सकों के यहां भी ओपीडी वायरल के मरीजों से भरी हुई है। वहीं मेडिकल और जिला अस्पताल में भी वायरल के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। मौसमी बीमारियों व डेंगू बुखार की शुरूआत होने के बाद से दोनों बीमारियों में तेजी का अनुमान लगाया जा रहा है। चिकित्सक लोगों को साफ-सफाई की हिदायत दे रहे हैं। सफाई की आदत बीमारियों से काफी हद तक सुरक्षित रख सकती है। चिकित्सकों का कहना है कि हथेली को सैनिटाइज करने से डेंगू व कोरोना से लोग सुरक्षित रह सकते हैं।
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सितंबर-अक्टूबर में पीक पर होता है डेंगू

डॉ. तुंगवीर सिंह आर्य ने बताया कि डेंगू बुखार प्रत्येक वर्ष सितंबर के अंतिम सप्ताह और अक्टूबर के महीने में पीक पर होता है। अक्टूबर में ही कोरोना संक्रमण एक बार फिर तेज होने का अनुमान है। हालांकि इसकी अभी वैज्ञानिक पुष्टि नहीं है। हम सभी को इससे बचने की तैयारी तो करनी ही चाहिए। इसके लिए चिकित्‍सक भी साफ-सफाई रखने की सलाह देते हैं।
शहर-गांव में हो रहा है एंटी लार्वा स्प्रे का छिड़काव

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि जिले में अभी तक मात्र 3 केस ही डेंगू के मिले हैं। उन्होंने बताया कि वैसे तो पूरे साल एंटी लार्वा स्प्रे का छिड़काव होता रहता है। लेकिन, जुलाई के बाद इसमें तेजी आ जाती है। जुलाई से निरंतर कई टीमें एंटी लार्वा स्प्रे का छिड़काव महानगर से लेकर देहात तक कर रही है। उन्होंने बताया कि गांव में बीडीओ के नेतृत्व में स्प्रे का छिड़काव करवाया जा रहा है जबकि महानगर में नगर निगम द्वारा ये काम करवाया जा रहा है। जिले में अब तक मिले केसों में दो कंकरखेडा और एक रजपुरा का है।
ऐसे करें बचाव

डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि मौसमी बीमारियां दूषित रहन सहन से होती हैं। डेंगू भी कई दिन तक एक ही स्थान पर ठहरे पानी में मच्छरों के लार्वा पनपने से होता है। दो तीन दिन में कूलर के पानी बदले जाएं, गमले में पानी जरूरत से ज्यादा न भरा जाए और किसी पुराने बर्तन, टायर या अन्य पात्र में पानी न जमने दिया जाए तो मच्छरों के लार्वा पनपने का सवाल ही नहीं उठेगा।
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं

डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि मलिन बस्तियों, घनी आबादी के बीच की स्थितियों को देखते हुए उन्होंने डेंगू बुखार तेजी से फैलने की आशंका जताते हुए सतर्कता बरतने को कहा है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे अपने शरीर, घर की स्वच्छता, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पौष्टिक खानपान पर ध्यान दें तो कोरोना या सीजनल बीमारियों जैसी किसी भी आफत से बचा जा सकता है।

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