इस गणेश उत्सव में खास बात ये है कि इन 10 दिनों में प्रत्येक दिन शुभ योग बन रहा है। जिसमें इन्वेस्टमेंट से लेकर व्हीकल खरीदी तक शुभ काम कर सकेंगे। इसी के साथ एक ऐसा दुर्लभ योग बन रहा है जो पिछले 160 सालों में नहीं बना। इस बार गुरु ग्रह से देह स्थूल योग बन रहा है। इसे आसान भाषा में लंबोदर योग कहते हैं। जो कि गणेश का एक नाम है। इसी के साथ गणपति के जन्म काल के समय वीणा, वरिष्ठ, उभयचरी और अमला नामक योग बनेंगे। इन पांच राजयोगों के बनने से इस बार गणेश स्थापना काफी शुभ रहेगी।
गणेशोत्सव के बाकी दिनों के बारे में सर्वार्थसिद्धि, राजयोग और रवियोग बनने से नौ दिन शुभ संयोग हैं। इनमें सात मुहूर्त ऐसे हैं जिसमें प्रॉपर्टी और ज्वेलरी से लेकर व्हीकल और हर प्रकार की खरीदारी शुभ होगी। इस बार रविवार को नवमी तिथि का क्षय होगा। सोमवार, मंगलवार और बुधवार तीनों दिन भगवान विष्णु की पूजा के रहेंगे। इनमें सोमवार दस अवतारों की पूजाए मंगलवार को एकादशी का व्रत और बुधवार को वामन अवतार प्राकट्योत्सव है। गुरुवार को प्रदोष व्रत के साथ शिव-पार्वती पूजन होगा। आखिरी दिन अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन का योग है।