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डायबिटीज से पीड़ित हैं तो भोजन में इसे करें शामिल, जड़ से खत्म हो जाएगी यह बीमारी रोहिणी नक्षत्र में शुरू के आठ दिन बहुत खास 27 जून से रोहिणी नक्षत्र लग रहा है। 13 दिन में से रोहिणी के शुरू के आठ दिन बड़े खास सिद्ध होंगे। रोहिणी छह जुलाई की दोपहर को समाप्त होगी। ज्योतिषाचार्य डा. सुधाकराचार्य त्रिपाठी के अनुसार वर्तमान में सूरज की चाल वक्री है। जिस कारण मानसून आने में देरी हो रही है। उन्होंने बताया कि 29 जून से सूरज की चाल बदल जाएगी तो मानसून अपने पूरे रंग में आएगा। इसके बाद से जोरदार बारिश होगी। इस बार बारिश से किसानों को अच्छा लाभ मिलने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि अमावस्या से सात दिन पहले या चार दिन बाद सूर्य का नक्षत्र परिवर्तन होता है। इस बार अमावस्या के दिन वह भी शनि जन्म के साथ सूर्य कृतिका नक्षत्र से निकलकर रोहिणी में प्रवेश कर गया है। इसके पहले ऐसा योग वर्ष 2003 में बना था। चूंकि सूर्य व शनि के बीच पिता-पुत्र का संबंध है, ज्येष्ठ की अमावस्या पर सूर्य का रोहिणी में प्रवेश कराना विशिष्ट घटना थी। रोहिणी नक्षत्र का दिशा अनुक्रम उत्तर-दक्षिण की तरफ है। यह केरल में समय पर मानसून की शुरुआत के संकेत हैं। जिसने केरल में दस्तक भी दे दी है। इस दिन सूर्य का वृषभ में, शनि का धनु में वक्र काल होने से भी दृष्टि संबंध बन रहा है।
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सपा सरकार की पोल खोलने में दर्ज हुए मुकदमों पर भाजपा नेताआें ने कहा-इससे तो अखिलेश राज ही अच्छा था कृषि केे लिए यह बारिश अच्छी साबित रोहिणी का वास समुद्र तट पर, मेघ पति गुरु इस बार अच्छी बारिश होने के इसलिए भी योग बन रहे हैं क्योंकि रोहिणी का वास समुद्रतट पर, समय का वास धोबी के घर और पानी बरसाने वाले मेघ के पति इस बार गुरु हैं। यह स्थिति उत्तम वर्षा के लिए श्रेष्ठ व सक्षम मानी जाती है। संवर्त मेघ और नवधा मेघ के वर्षा करने से कहीं अतिवृष्टि से तो कहीं अल्पवृष्टि और औसत दृष्टि से सामान्य वर्षा के योग बनेंगे किंतु कृषि के लिए तो अच्छी वर्षा होगी आैर किसानों के चेहरे सबसे ज्यादा खिलेंगे। सूर्य का बारिश के नक्षत्र आर्द्रा में प्रवेश 15 जुलाई को हो रहा है। आर्द्रा प्रवेश के समय कन्या लग्न व ग्रह स्थिति से देश के सभी प्रांतों में उत्तम वृष्टि के योग बन रहे हैं।