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मेरठ

यूपी के मेरठ में HIV पॉजिटिव की संख्या बढ़ी, 81 महिलाएं मिली एड्स पीड़ित

Meerut News: यूपी के मेरठ जिलें में एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ी है। मेरठ में 18 महीने में 81 महिलाओं में एड्स से पीड़ित मिली हैं। ये सभी मेरठ के एआरटी सेंटर में पंजीकृत हैं।

मेरठAug 05, 2023 / 01:54 pm

Kamta Tripathi

यूपी के मेरठ में HIV पॉजिटिव की संख्या बढ़ी, 16 महीने में 81 महिलाएं एड्स पीड़ित

यूपी के मेरठ में HIV पॉजिटिव की संख्या बढ़ी, 16 महीने में 81 महिलाएं एड्स पीड़ित

Meerut News: यूपी के मेरठ में एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ी है। हैरान करने वाली बात है कि इस मरीजों में महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है। यानी महिलाएं एचआईवी से सबसे अधिक पीड़ित हो रही है। एचआईवी के बढ़ते मामले स्वास्थ्य विभाग के सामने चुनौती बन रहे हैं। मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज स्थित एआरटी सेंटर में 16 महीने में 81 महिलाओं का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। जिनकी जांच में एचआईवी की पुष्टि हुई है। इन महिलाओं में अधिकांश गर्भवती हैं और उनकी प्रसव जांच केक दौरान इनमें एचआईवी की पुष्टि हुई है। इन एचआईवी पीड़ित गर्भवती महिलाओं में अभी तक 35 महिलाओं ने नवजातों को जन्म दिया है। अच्छी बात है कि सभी बच्चे ठीक हैं और वे एचआईवी निगेटिव हैं। ऐसा बेहतर उपचार और परामर्श से हो पाया है। जबकि प्रसूताओं एवं शिशुओं की सेहत ठीक है।

मेरठ लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज स्थित एआरटी (एंटी रिट्रोवायरल थेरेपी) सेंटर पर मेरठ और आसपास के जिलों के चार हजार से अधिक एचआइवी रोगियों का उपचार चल रहा है। एचआईवी पीडित रोगियों के रिकार्ड के मुताबिक, पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 68 और इस वर्ष अप्रैल से लेकर जुलाई तक कुल 13 महिलाएं गर्भवती होने के बाद जांच के लिए अस्पतालों में पहुंची थीं। ये सभी एचआइवी टेस्ट में पाजिटिव पाई गईं। एआरटी सेंटर के माध्यम से इन महिलाओं का उपचार शुरू हुआ।

18 माह होने पर बच्चों का होगा टेस्ट
चिकित्सकों के मुताबिक एचआइवी पाजिटिव गर्भवती महिला और बच्चे का सेंटर की ओर से विशेष ध्यान रखा जा रहा है। दोनों की समय-समय पर जांच हो रही है। 18 माह की उम्र होने पर बच्चे का एचआईवी जांच होगा। उसके एचआइवी पाजिटिव या नेगेटिव होने की पुष्टि होती है।

सही उपचार से बच्चों पर असर कम
डॉक्टरों की माने तो HIV संक्रमित महिलाओं का सही समय से इलाज होने और नियमित दवा लेने पर उसके बच्चे के संक्रमण की आशंका कम रहती है। इतना ही नहीं एचआइवी पाजिटिव व्यक्ति को विभिन्न बीमारी और इफेक्शन घेरने लगते हैं। इसे एड्स रोग कहा जाता है। डाक्टरों का प्रयास दवा देकर रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से रोकना होता है।

HIV संक्रमण का मुख्य कारण
डॉक्टरों ने बताया कि HIV समक्रण दूषित सीरिंज या ब्लेड आदि का प्रयोग, संक्रमित मरीज के रक्त का इस्तेमाल, असुरक्षित तरीके से टैटू बनवाना, असुरक्षित यौन संबंध आदि से फैलता है । एचआइवी पाजिटिव व्यक्ति के निकट संपर्क से यह रोग नहीं फैलता है।

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