जनवरी से अब तक नहीं मिल पाया आरसी शास्त्री नगर निवासी रामावतार ने एक बाइक जनवरी के आखरी में खरीदी थी। डीलर के माध्यम से ही उसका पंजीकरण भी करवाया। लेकिन अभी तक आरसी नहीं मिली है। डीलर कहता है आरटीओ जाओ जबकि आरटीओ वाले कोई जवाब नहीं देते।
आरटीओ ऑफिस का चक्कर लगा रहे हैं लोग कुछ ऐसा ही प्रमोद त्यागी के साथ हुआ, उन्होंने भी एक स्कूटी मार्च में ली थी। वो भी आज तक स्कूटी की आरसी के लिए भटक रहे है। 6 महीने बाद भी ट्रैक्टर की आरसी नहीं मिल सकी है। गांव सकौती निवासी रवि की नई बाइक मार्च माह में पंजीकृत हुई थी। 6 महीने बाद भी आरसी जारी नहीं सकी है। ये कुछ ऐसे मामले है जो सामने आए। इस तरह के सैकड़ों लोग हैं जो प्रतिदिन वापस चले जाते हैं और उनके काम भी नहीं होते है।
जारी नहीं हो पा रही आरसी जानकारी के मुताबिक आरसी का विशेष कागज होता है, जिसकी छपाई विशेष प्रेस से कराकर मंगाई जाती है। कागज आपूर्ति का ठेका मुख्यालय स्तर से होता है। राज्य के सभी आरटीओ को मुख्यालय से कागज की आपूर्ति की जाती है। सभी आरटीओ को महीने के हिसाब से कोटे के आधार पर कागज की आपूर्ति की जाती है। आरसी का कागज आए दिन खत्म होता रहता है।
आरटीओ बोले कुछ दिन में आ जायेगा कागज आरटीओ मेरठ हिमेश तिवारी का कहना है कि आरसी के लिए कागज लखनऊ से आता है। अभी कागज नहीं है। कागज खत्म होने से आरसी प्रिंट नहीं हो पा रही है। इसकी जानकारी परिवहन मुख्यालय को दे दी है। वहां से जल्द ही कागज दिए जाने का आश्वासन मिला है।