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छेड़छाड़ से आहत किशोरी की मौत के बाद सांप्रदायिक तनाव, चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया पुलिस बल 14 इंच की चादर से बनी 230 किग्रा की तिजोरी कारी अशरफ के अनुसार उनके घर में यह तिजोरी 14 इंच की मोटी लोहे की मजबूत चादर से बनी है। इस तिजोरी का वजन उस जमाने में 230 किग्रा था। कारी बताते हैं कि तिजोरी को दीवार के भीतर फिट करने में करीब दो दिन लग गए थे। ये इतनी मजबूती से दीवार में फिट की गई है कि दीवार को आसपास के करीब 12 फीट के एरिया में चारों तरफ से तोड़कर ही इसको निकाला जा सकता है।
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सीएम योगी के बाद भाजपा विधायक संगीत सोम ने दलितों पर ये बयान देकर फैला दी सनसनी, देखें वीडियो तिजोरी को खोलने की ट्रिक सिर्फ परिजनों के पास कारी बताते हैं कि पांच पीढ़ी पुरानी इस तिजोरी को खोलने की ट्रिक सिर्फ उनके परिजनों के पास ही है। अगर कोई इस तिजोरी को खोलने की कोशिश करता है तो वह सात जन्म तक तिजोरी को नहीं खोल पाएगा। उन्होंने बताया कि तिजोरी को खोलने की ट्रिक पहले उनके वालिद के पास थी और अब उनकी पत्नी और उनके पास है। उनके बेटे को भी तिजोरी को खोलने की ट्रिक पता है।
गोली, पानी और आग के असर से बेअसर तिजोरी की लोहे की चादर इतनी मजबूत और मोटी है कि इस पर गोली, पानी और आग का कोई असर नहीं होगा। बड़ी आग में भी इसका मजबूत लोहा नहीं पिघलेगा। यह सुरक्षित रहेगी। वहीं अगर इस पर कोई गोली चलाता है तो गोली तिजोरी से टकराकर गिर जाएगी।
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बुलंदशहर बवाल में मारे गए इंस्पेक्टर के समर्थन में आयी इस पार्टी ने राष्ट्रपति से की ये बड़ी मांग मात्र 2 रूपये में बनकर तैयार हुई थी तिजोरी दो रूपये की 230 किग्रा मजबूत तिजोरी सुनकर हैरानी होगी ही, लेकिन आज से 400 साल पहले ये तिजोरी मात्र दो रूपये में ही बनकर तैयार हुई थी। कारी अशरफ के अनुसार उनके वालिद और उनके वालिद के वालिद ने इस बेशकीमती तिजोरी को कितने में बनवाया था यह बताया था। उन्होंने कहा कि मेरठ ही नहीं दिल्ली में भी ऐसी बेशकीमती और मजबूत तिजोरी कहीं नहीं है।