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दिल्ली के माहौल को देखते हुए मेरठ में हाई अलर्ट, संवेदनशील इलाकों में फोर्स तैनात, बैठकों का दौर स्वास्थ्य विभाग के तमाम दावों के बावजूद स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या में वृद्धि होने से अफरातफरी मची हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने अब इसे लेकर इलाज का फार्मूला बदल दिया है। अब मरीजों में कैटेगरी बी के लक्षण यानी सर्दी, जुकाम, बुखार के साथ सांस फूलने पर तत्काल टेमीफ्लू दी जा सकेगी। जांच रिपोर्ट यदि निगेटिव आती है तो यह दवा रोक दी जाएगी।
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VIDEO: मेरठ में जमीनी विवाद में दो पक्षों के बीच खूनी संघर्ष, पांच लोग घायल सीएमओ डा. राजकुमार का कहना है कि जुकाम, खांसी के साथ बुखार और सांस फूलने लगे तो डाक्टरों के परामर्श से टेमीफ्लू जांच से पहले भी दी जा सकती है। इसमें देर करने पर फेफड़ों में निमोनिया फैलने से मरीज की जान जा सकती है। बैक्टीरियल निमोनिया तीन सप्ताह में ठीक हो जाता है, लेकिन वायरल निमोनिया ज्यादा खतरनाक है। उन्होंने बताया कि कैटेगरी बी के मरीजों को भी टेमीफ्लू दवा देने के निर्देश दिए गए हैं।