scriptChaudhary Charan Singh: ब्रिटिश काल में किसानों की आवाज उठाकर बने थे मसीहा | 118th Birthday of former Prime Minister Chaudhary Charan Singh | Patrika News
मेरठ

Chaudhary Charan Singh: ब्रिटिश काल में किसानों की आवाज उठाकर बने थे मसीहा

Highlights

मेरठ जनपद के नूरपुर गांव में हुआ था चौधरी चरण सिंह का जन्म
1979 में छह महीने के लिए बने देश के पांचवें प्रधानमंत्री
ब्रिटिश काल के दौरान किसानों की आवाज को मजबूत किया था

मेरठDec 23, 2019 / 05:44 pm

sanjay sharma

meerut
मेरठ। किसानों के मसीहा (kisano Ke Maseeha) पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह (Former Prime Minister Chaudhary Charan Singh) का आज 118वां जन्मदिन है। पूरी जिन्दगी किसानों की आवाज बनने के साथ जब-जब वह सरकार में रहे किसानों के लिए काफी काम किए। सिर्फ आजाद भारत में ही नहीं, जब यहां ब्रिटिश हुकूमत (British Raj) थी तो उस दौरान भी विधायक (MLA) के तौर पर उन्होंने किसानों (Farmers) के लिए कर्जमाफी विधेयक पास करवाया था। किसानों के वह हमेशा आदर्श रहे। यही वजह रही कि वह प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उनके जेहन में किसानों के लिए दुख-दर्द रहा और आखिरी सांस तक किसानों के लिए काम किया।
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चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को यूपी के मेरठ जनपद के नूरपुर गांव में मध्यम वर्गीय किसान परिवार में हुआ था। चरण सिंह ने आगरा विश्वविद्यालय से कानून की शिक्षा लेने क बाद 1928 में गाजियाबाद में वकालत शुरू की। इसके बाद गायत्री देवी से उनका विवाह हो गया था। इसके बाद उन्होंने किसानों के लिए काम करना शुरू किया और सक्रिय राजनीति में आ गए। 1937 में जब देश में अंतरिम सरकार बनी थी तब चौधरी चरण सिंह भी विधायक बने थे।
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सरकार में रहते हुए उन्होंने1939 में कर्जमाफी विधेयक पास करवाया था। वह पहले ऐसे नेता बने, जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत में किसानों के लिए कर्जमाफी करवायी थी। उन्होंने खेतों की नीलामी, जमीन उपयोग का बिल तैयार करवाए थे, इसी कारण उन्हें किसानों का मसीहा कहा जाता है। चौधरी चरण सिंह देश के पांचवें प्रधानमंत्री 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक रहे। हालांकि इंदिरा गांधी के समर्थन वापस लेने के बाद चरण सिंह की सरकार भी गिर गई थी। चौधरी चरण सिंह ने 29 मई 1987 को अंतिम सांस ली। उनकी मृत्यु के बाद उनके बेटे अजित सिंह ने उनकी विरासत संभाली और रालोद के मुखिया बने। रालोद के प्रदेश संगठन प्रभारी डा. राजकुमार सांगवान का कहना है कि चौधरी चरण सिंह ने जिन्दगीभर किसानों के लिए कार्य किया। उनके योगदान को हर किसान हमेशा याद रखेगा।

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