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CAA: बवाल में कश्मीरियों और बांग्लादेशियों के शामिल होने का अंदेशा, शुरू हुई जांच, देखें वीडियो चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को यूपी के मेरठ जनपद के नूरपुर गांव में मध्यम वर्गीय किसान परिवार में हुआ था। चरण सिंह ने आगरा विश्वविद्यालय से कानून की शिक्षा लेने क बाद 1928 में गाजियाबाद में वकालत शुरू की। इसके बाद गायत्री देवी से उनका विवाह हो गया था। इसके बाद उन्होंने किसानों के लिए काम करना शुरू किया और सक्रिय राजनीति में आ गए। 1937 में जब देश में अंतरिम सरकार बनी थी तब चौधरी चरण सिंह भी विधायक बने थे।
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CAA: मेरठ में 77 घंटे बाद इंटरनेट सेवा बहाल, शहर की स्थिति सामान्य, देखें वीडियो सरकार में रहते हुए उन्होंने1939 में कर्जमाफी विधेयक पास करवाया था। वह पहले ऐसे नेता बने, जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत में किसानों के लिए कर्जमाफी करवायी थी। उन्होंने खेतों की नीलामी, जमीन उपयोग का बिल तैयार करवाए थे, इसी कारण उन्हें किसानों का मसीहा कहा जाता है। चौधरी चरण सिंह देश के पांचवें प्रधानमंत्री 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक रहे। हालांकि इंदिरा गांधी के समर्थन वापस लेने के बाद चरण सिंह की सरकार भी गिर गई थी। चौधरी चरण सिंह ने 29 मई 1987 को अंतिम सांस ली। उनकी मृत्यु के बाद उनके बेटे अजित सिंह ने उनकी विरासत संभाली और रालोद के मुखिया बने। रालोद के प्रदेश संगठन प्रभारी डा. राजकुमार सांगवान का कहना है कि चौधरी चरण सिंह ने जिन्दगीभर किसानों के लिए कार्य किया। उनके योगदान को हर किसान हमेशा याद रखेगा।