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गोरखपुर के पॉश इलाके में सट्टा और ऑनलाइन ठगी का पर्दाफाश: 29 आरोपी गिरफ्तार, मऊ से जुड़ा तार

मऊ जिले के सुमित यादव के बैंक खाते में एक महीने में 34 लाख रुपये के संदिग्ध ट्रांजेक्शन की जानकारी दी। जांच में पता चला कि सुमित ने यह खाता 17,000 रुपये में छत्तीसगढ़ निवासी अरविंद यादव को बेचा था।

मऊJan 22, 2025 / 04:33 pm

Abhishek Singh

Crime News: गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पास स्थित प्रतिष्ठित जेमिनी पैराडाइज अपार्टमेंट में एक बड़े ठगी और सट्टेबाजी गिरोह का भंडाफोड़ हुआ। मऊ और गोरखपुर पुलिस के संयुक्त अभियान में 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें किशोर और 8वीं पास लड़के भी शामिल थे, जो महंगे फ्लैट से सट्टेबाजी और ऑनलाइन ठगी का संचालन कर रहे थे।

ठगी का हाईटेक नेटवर्क


गिरोह ने जेमिनी पैराडाइज अपार्टमेंट में चार फ्लैट किराए पर लिए थे, जिनमें से एक फ्लैट गिरोह के सरगना अरविंद यादव का था। यहां से 10 लैपटॉप, 100 स्मार्टफोन और 150 से ज्यादा सिम कार्ड बरामद किए गए। ठगी का यह नेटवर्क 24 घंटे, तीन शिफ्टों में चलता था। किशोरों को 18,000 से 22,000 रुपये की सैलरी पर रखा गया था।

34 लाख के ट्रांजेक्शन ने खोली पोल


मामला तब उजागर हुआ जब वित्त मंत्रालय की फाइनेंस इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) ने मऊ जिले के सुमित यादव के बैंक खाते में एक महीने में 34 लाख रुपये के संदिग्ध ट्रांजेक्शन की जानकारी दी। जांच में पता चला कि सुमित ने यह खाता 17,000 रुपये में छत्तीसगढ़ निवासी अरविंद यादव को बेचा था।

पुलिस की छापेमारी और खुलासे


गिरोह के बारे में सुराग मिलने पर मऊ और गोरखपुर पुलिस ने जेमिनी पैराडाइज में छापा मारा। दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंची पुलिस ने देखा कि फ्लैट में हाईटेक उपकरणों के साथ ऑनलाइन सट्टेबाजी और ठगी का पूरा इंतजाम किया गया था। पुलिस ने सभी आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

पॉश इलाके को बनाया ठिकाना


अरविंद यादव ने पुलिस से बचने के लिए शहर के सबसे महंगे और प्रतिष्ठित अपार्टमेंट को चुना, जहां डॉक्टर, व्यापारी और उच्च वर्ग के लोग रहते हैं। फ्लैट का किराया 30,000 रुपये प्रति माह था। फ्लैट्स को बाहर से बंद रखा जाता था, ताकि आसपास के लोगों को शक न हो।

देशभर में फैला नेटवर्क


इस गिरोह का नेटवर्क बिहार, छत्तीसगढ़, और अन्य राज्यों तक फैला हुआ है। गिरोह के सदस्य सट्टा खिलाने के साथ-साथ ऑनलाइन गेमिंग पोर्टल्स के जरिए ठगी करते थे। पुलिस अधीक्षक मऊ इलामारन जी ने बताया कि यह गैंग राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करता है, इसमें पांच मऊ जनपद से अन्य 25 गैर प्रदेशों में रहने वाले हैं जिसमें छत्तीसगढ़ और बिहार राज्य शामिल है।
इन्होंने लगभग 70 करोड रुपए का ट्रांजैक्शन किया है।
इनके द्वारा संदेहास्पद बैंक खाते में ट्रांजैक्शन करने के दौरान नवंबर माह 2024 से नजर रखा गया था जिसके दौरान इन्हें गोरखपुर में एक फ्लैट से मऊ पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है। बिना रजिस्टर्ड गेम अकाउंट खोलकर सट्टा खेला रहे थे। और उनके द्वारा गरीब लोगों के अकाउंट में रूपयों का का टर्नओवर किया जा रहा था। इनके पास से लैपटॉप, मोबाइल और अन्य सामान बरामद किए गए हैं। जिनके द्वारा यह ऑनलाइन गेमिंग का कार्य कर रहे थे।

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