गांव के स्कूल से की पढ़ाई
मुरारपुर निवासी अखिलेश सिंह के पिता स्कूल में प्रधानाध्यापक थे और माता सुनैना देवी गृहणी।उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल से हुई थी।
उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने जिले के प्रतिष्ठित स्कूल डीएवी में दाखिला लिया और 1995 में यहां से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीए और एम ए की परीक्षा पास करने के बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गए। सन 2003 में उन्होंने प्रतिष्ठित यूपीएससी की परीक्षा पास की और उन्हें आईपीएस के लिए असम कैडर मिला।
2019 से 2022 तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर वह पश्चिम बंगाल में कोलकाता में सीबीआई के डीआईजी पद पर रहे। शारदा कांड में उन्होंने ममता सरकार के चार मंत्रियों को गिरफ्तार कर लिया। ममता बनर्जी 6 घंटे तक उनके खिलाफ अनशन पर बैठी रहीं, उनके ऑफिस का घेराव किया गया और पत्थरबाजी भी की गई,परंतु वो झुके नहीं और उन चारों मंत्रियों को जेल भेज दिया।
इसके अलावा कोयला तस्करी पर भी उन्होंने नकेल कसी थी। इसी के साथ वो राष्ट्रीय पटल पर चर्चित हो गए। 2021 में भी उन्हें राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया। अब 1 जनवरी को उन्होंने असम में आईजी कानून व्यवस्था के प्रमुख का पद संभाला है। उनकी इस सफलता से पूरा मऊ जिला गौरवान्वित हुआ है।