मुलाकात से कई संकेत
संघ प्रमुख डा. मोहन भागवत और मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ की लंबी मुलाकात की कड़ियां जोड़ें तो कई संकेत मिलते हैं। संघ के एजेंडे में मथुरा पहले से शामिल है। इसे लेकर सामाजिक जागरण की मुहिम भी चल रही है। योगी पहले भी कृष्ण नगरी को लेकर उसका खोया वैभव लौटाने की बात कह चुके हैं। हालिया हरियाणा चुनाव में भी उनके अब मथुरा की बारी, जैसे बयान से माहौल गर्माया था।
चर्चा में ज्ञानवापी-अयोध्या शामिल
ज्ञानवापी का मामला भी इन दिनों काफी चर्चा में है। ऐसे में बताया जा रहा है कि डेढ़ घंटे की बातचीत में ज्ञानवापी का प्वाइंट भी शामिल है। वहीं,
अयोध्या के शामिल होने की भी चर्चा है, क्योंकि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद इस बार वहां पहला दीपोत्सव आयोजित होने जा रहा है। इसके अलावा, सूबे के सियासी हालात, गैर भाजपाई दलों के एजेंडे, सामाजिक ताने-बाने से जुड़े समीकरणों सहित तमाम अन्य बिंदुओं पर भी चर्चा होने की खबर है। सियासी जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में इसका असर देखने को मिल सकता है।
पदाधिकारियों से की बात
एकांत बैठक और भोजन के बाद संघ प्रमुख और सीएम योगी ने अन्य पदाधिकारियों के साथ भी चर्चा की। इस दौरान सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले व अन्य सह सर कार्यवाह मौजूद रहे। इससे पहले गौतम ऋषि कुटीर पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री को संघ प्रमुख का कुछ देर इंतजार करना पड़ा क्योंकि उस दौरान संघ प्रमुख और अन्य पदाधिकारी सांध्यकालीन प्रार्थना में थे।