ये है मामला जानकारी के मुताबिक गुरुवार देर शाम एलआईयू इंस्पेक्टर केपी कौशिक को मुखबिर से सूचना मिली कि बांग्लादेश और वर्मा के लोग यहां अवैध रुप से झुग्गी-झोंपड़ियों में रह रहे हैं। सूचना के आधार पर थाना हाईवे पुलिस की मदद से पुलिस ने गांव सराय आजमाबाद में दबिश दी और झुग्गी-झोंपड़ियों की चारों ओर से घेराबंदी कर 11 पुरुष और 13 महिलाओं को पकड़ लिया। नागरिकता सम्बन्धी दस्तावेज मांगने पर इन लोगों के पास कोई कागजात नहीं मिले। पकड़े गए लोगों ने अपने नाम उसाइन, शरीफ, आरिफ पुत्र इब्राहीम निवासीगण अलालपुर, रुपसा खुलना बांग्लादेश, बिलाल हुसैन पुत्र मुजफ्फर हुसैन निवासी फुलवारी कुरीग्राम बंग्लादेश, समीम पुत्र नूरहसन निवासी फरहर महेन्द्र गज गुडीसाल बंग्लादेश, इमोन पुत्र इस्माइल निवासी जासौर, बंग्लादेश, आफाताब पुत्र अकरम गाजी निवासी रुदाधरा थाना दोमोर्पा खुलना बंग्लादेश, अमानुतुल्ला पुत्र अबुकलाम निवासी सस्सीफ्राग थाना फूलमोरी वसीरम म्यांमार, शहीदुल अमीन पुत्र सबीदल रहमान निवासी जुम्माफरहा वसीरम म्यांमार, नूरवसन पुत्र असाममिया निवासी सान्सीफ्राग फूलमेली वसीरन म्यांमार, कमल हुसैन पुत्र अब्दुल्ला निवासी मडाक मडोक म्यांमार, शरीफा पत्नी इब्राहीम निवासी अलालपुर रुपसा खुलना बांग्लादेश, दो वर्षीय बच्चे के साथ बुलबुली पत्नी बिलाल हुसैन निवासी फुलवारी कुरीग्राम बंग्लादेश, पारु पुत्री अजीजुल निवासी बलरामपुर थाना गुनहनपुर गिनेवास बंग्लादेश, पांच वर्षीय बच्चे के साथ मुक्ता पत्नी अनीसर हक निवासी अब्दुल्ला बाजार उतसर बंग्लादेश, दो वर्षीय बच्चे के साथ तस्लीमा पत्नी रफीक निवासी अलालपुर रुपसा खुलना बंग्लादेश, रेनू पुत्री इशाकमुल्ला निवासी अकरिया लोहाई बंग्लादेश, मुक्ता पुत्री हलीम निवासी चिचैरी खुलना बंग्लादेश, मीराना सुल्ताना पत्नी शेफ मुतालिफ निवासी दौलतपुर थाना दौलतपुर बंग्लादेश, रुपाली पुत्री जहीर बसर निवासी सिसोड डुमरिया खुलना बंग्लादेश, रेशमा पुत्री अजीजुल रोमन निवासी अमदुलिया डुमरिया खुलना, बंग्लादेश, चार वर्षीय बच्चे के साथ नजमा पत्नी विलाल निवासी चिचैरी कुल्ला डुमरिया बंग्लादेश, जमीना पुत्री हीर निवासी जासोर थाना कोतवाली फतेहपुर बंग्लादेश और ढाई साल के बच्चे के साथ शाहिनूर पत्नी शाहजहां निवासी अलकापुर महेदीगंज गुडीसाल बंग्लादेश बताए हैं।
मामले को लेकर एसपी सिटी श्रवण कुमार ने बताया कि थाना हाईवे क्षेत्र में झुग्गी-झोंपड़ियों में दबिश देकर म्यांमार और बंग्लादेश के रहने वाले 24 लोगों को पकड़ा है। इन लोगों ने पूछताछ के दौरान बताया कि यहां रहकर लोग कचरे में से कबाड़ा बीनने का काम करते हैं। एसपी सिटी ने बताया कि ये लोग यहां अवैध तरीके से रह रहे थे। मामले की सूचना एटीएस नोएडा को दे दी गई है। उन्होंने बताया कि विदेशी अधिनियम की धारा 14 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि यह जांच की जाएगी कि कौन लोग हैं और कैसे इनका यहां आना हुआ। एसपी सिटी के मुताबिक पकड़े गए लोग 4-5 साल से मथुरा में रह रहे थे।
लम्बे अर्से से शहर में रह रहे हैं रोहिग्या, नहीं हुई कार्रवाई कूड़ा-कचरे के ढेरों से कबाड़ा बीनने वाले 24 रोहिंग्या को पकड़ कर भले ही पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही हो लेकिन यह कोई नया मामला नहीं है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में ये लोग झुग्गी-झोपड़ियों में रहकर और शहर में घूम-घूम कर कूड़ा-कचरा बीनकर अपनी रोजी रोटी का जुगाड़ करते चले आ रहे हैं। जिस सराय आजमाबाद से पुलिस ने इन लोगों का पकड़ा है उसके आस-पास के इलाके में भी कई प्लाटों पर झुग्गी-झोंपड़ियों में सालों से ये लोग यहां रह रहे हैं और बाकायदा प्लाट मालिक इनसे झुग्गी-झोंपड़ियों का किराया भी वसूलते हैं। इसके साथ ही मंडी चौराहे के समीप चरन लाल स्कूल के निकट और आगे सौंख रोड की ओर चलने पर भी इन लोगों की झुग्गी-झोंपड़ियां साफ दिखाई दे जायेंगे। लम्बे अर्से से ये लोग यहां रहकर कूड़ा-कचरा बीनने का काम करते हैं लेकिन जानकारी होने के बाद भी पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी रही। सूत्रों की मानें तो मंडी चैराहे के निकट चरनलाल स्कूल के निकट और उससे थोड़ा आगे सौंख रोड पर भी लम्बे समय से ऐसे लोग झुग्गी-झोंपड़ियों में रह रहे हैं और इस्लाम और मुश्ताक नाम के शख्स इनके ठेकेदार हैं।
क्या किराए पर प्लाॅट देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी पुलिस झुग्गी-झोंपड़ियों में रहने के एवज में इन लोगों से किराया वसूला जाता है। यह बात शुक्रवार को यहां मिले शफीकुल और हसीना बेगम ने हमें बताई। उनका कहना था कि प्लाट मालिक द्वारा हर महीने झुग्गी और झोंपड़ी का अलग-अलग किराया वसूला जाता है। थाना हाईवे क्षेत्र के गांव सराय आजमाबाद में जहां पुलिस ने कार्रवाई कर इन लोगों को अरेस्ट किया है ये लोग यहीं के रहने वाले लोगों के खाली प्लाटों में झुग्गी-झोंपड़ी बनाकर रहते चले आ रहे हैं। हालांकि प्लॉट मालिकों के बारे में बोलने से ये लोग कतरा रहे थे लेकिन किराए के बारे में पूछने पर बताया कि हर महीने प्लॉट मालिक को किराया दिया जाता है। प्लॉट मालिक द्वारा जगह के हिसाब से (ज्यादा या कम) किराया हम लोगों से लेता है। हसीना ने जहां 500-600 रुपए प्रतिमाह किराया देने की बात कही तो वहीं शफीकुल ने बताया कि वह 400-500 रुपए हर महीने देता है। ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या अब पुलिस उन प्लॉट मालिकों पर भी शिकंजा कसेगी जिन्होंने बिना जांच-पड़ताल या इन लोगों की आईडी प्रूफ लिए इन्हें जगह मुहैया करा दी और इतने लम्बे समय से इन लोगों के यहां रहने की जानकारी तक पुलिस को नहीं दी।