यह भी पढ़ें ताजमहल को लेकर 16 जुलाई को दिल्ली में बैठक, उससे पहले कमिश्नर ने दिये खास निर्देश क्या है मामला पर्यावरण एक्टिविस्ट मणिकेश चतुर्वेदी ने राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में याचिका दायर कर चंद्रोदय मंदिर के निर्माण पर रोक लगाने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि यमुना किनारे बनाए जा रहे 70 मंजिली मंदिर से पर्यावऱण को हानि होगी। साथ ही भूजल पर असल पड़ेगा। याचिका में कहा गया है कि मंदिर की ऊंचाई 700 फुट है। निर्माण क्षेत्र 5.40 लाख वर्गफुट होगा। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका पर गंभीर रुख अपनाते हुए नोटिस जारी किया है।
यह भी पढ़ें जैन विद्वान डॉ. राजीव जैन से सुनिए इस्लाम में सद्भावना संदेश चन्द्रोदय मंदिर की विशेषता मंदिर की ऊंचाई 202 मीटर दिल्ली के कुतुबमीनार से तीन गुना ऊंचा होगा 500 करोड़ रुपये की लागत
पांच एकड़ में बनेगा कुल 70 मंजिल होंगी मिस्र के पिरामिड (ऊंचाई 128.8 मीटर) और वेटिकन के सेंट पीटर्स बैसोलिका (128.6 मीटर) से भी ऊंचा। दुनिया की सबसे ऊंची इमारतों में 12वें स्थान पर होगा।
मंदिर की छत से आगरा का ताजमहल नजर आएगा 511खंबे होंगे, जिन पर पांच लाख टन वजन होगा। भूकंप से मंदिर झुक भी गया तो लिफ्ट सीधी चलती रहेगी। लिप्ट दो सेकेंड में आठ मीटर चलेगी।
मंदिर 55 मीटर गहरा होगा, जबकि दुबई के बुर्ज खलीफा इमारत की गहराई 50 मीटर है। श्रद्धालुओं को द्वापर युग की झलक देखने को मिलेगी। मंदिर परिसर में 12 वन बनाए जाएंगे। ये पूरी तरह कृष्णकालीन लगेंगे।
पहले तीन तलों पर चैतन्य महाप्रभु, राधा, कृष्ण, बलराम के मंदिर होंगे।
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