दायर अर्जी में कहा गया है कि प्राचीन केशवदेव मंदिर में बने गर्भगृह को तो मुगल बादशाह औरंगजेब ने साल 1669-70 में तुड़वा कर उस स्थान पर ईदगाह का निर्माण करा दिया था। इसलिए उस स्थान पर एक नोटिस बोर्ड लगाकर गर्भगृह के दर्शन के लिए आने वाले दर्शनार्थियों को यह बताया जाए कि वह स्थान वास्तविक गर्भगृह नहीं है।
यूपी में शीतलहर का प्रकोप जारी, ठंड से छूटी कंपकंपी, अगले 5 दिन राहत के आसार नहीं
वकील पी वी रघुनन्दन ने दायर की अर्जीसिविल जज अनुपमा सिंह की कोर्ट में वकील पी वी रघुनन्दन ने अर्जी दाखिल कर अनुरोध किया है कि यह बात ज्ञात है कि वर्तमान गर्भगृह हकीकत में भगवान श्रीकृष्ण का असली गर्भगृह नहीं है। भगवान के असली गर्भगृह वाले मंदिर के मुख्य भाग को तो औरंगजेब ने ध्वस्त करा दिया था।
प्रेमिका से मिलने उसके घर पहुंचा प्रेमी, भाई ने पकड़ा, पुलिस को देख फंदे से झूला…
अर्जी मंजूर सुनवाई की डेट तय नहींयाचिकाकर्ता के वकील पंकज जोशी ने मीडिया से बताया कि इस मामले में कोर्ट से ,श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी व सचिव, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, और उत्तर प्रदेश सरकार को पक्ष बनाते हुए नोटिस बोर्ड लगवाने का आदेश देने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि अर्जी को मंजूर कर लिया गया है। लेकिन सुनवाई की कोई डेट अभी तय नहीं की गई है। जानकारी के लिए बता दें कि यहां एएसआई सर्वे की मांग पर अभी सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।काशी के ज्ञानवापी मस्जिद विवाद के तर्ज पर यहां सर्वे की मांग की गई थी।