कार्यक्रम की शुरुआत भगवान श्री कृष्ण के गर्भगृह में दीप जलाकर की गई, जिसके बाद श्री कृष्ण जन्म स्थान परिसर में दीपोत्सव का आकर्षक नजारा सभी के मन को भा गया। मंदिर के सेवा अधिकारी और अन्य पदाधिकारियों के साथ भगवान श्री कृष्ण के दर्शन करने आए भक्तों ने भी अपने कान्हा के समक्ष दीप जलाकर दीपावली का पर्व मनाया। भक्तों का कहना था कि
मथुरा में भगवान श्री कृष्ण की जन्म भूमि पर दर्शन करना उनके लिए एक अद्भुत अनुभव था। उन्होंने कहा कि यहां आकर दीप जलाना और अपने कान्हा का आशीर्वाद लेना बहुत अच्छा लगा।
‘कृष्ण जन्म स्थान पर 24 करोड़ दीपक जलाने का अवसर मिले’
श्री कृष्ण जन्मस्थान के सदस्य गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने बताया कि आज का दिन छोटी दीपावली और नरक निवारण चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि इस दिन श्री कृष्ण जन्म स्थान पर भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया गया है। इस दिन के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि वह भगवान से प्रार्थना करते हैं कि जिस प्रकार अयोध्या में भगवान राम अपने मूल स्थान पर दीपावली मना रहे हैं, उसी प्रकार श्री कृष्ण जन्म स्थान पर भी 24 करोड़ दीपक जलाने का अवसर मिले।
इस दौरान उन्होंने श्री कृष्ण जन्म स्थान के पास स्थित शाही ईदगाह मस्जिद की ओर इशारा करते हुए “कलंक” शब्द का प्रयोग किया। उन्होंने कहा, “इस कलंक को हटाने की आवश्यकता है ताकि भगवान श्री कृष्ण की जन्म भूमि पर भी दीपावली की रोशनी छा सके।”