यम्-द्वितीया पर स्नान :- यमराज जिसके नाम से सभी की रूह कांप उठती है और मौत का डर सताने लगता है, लेकिन आज ये सभी भाई-बहन उसी यमराज की पूजा करते है। मौका होता है यम्-द्वितीया का, जिसे भैया-दूज भी कहा जाता है। इस दिन मथुरा के विश्राम घाट पर एक विशेष स्नान होता है। जिसमे लाखों भाई-बहन एक साथ मिलकर यमुना के जल में स्नान करते है और घाट पर ही स्थित यमुना-यमराज मंदिर में पूजा कर मोक्ष-प्राप्ति की कामना करते है।
सूर्य पुत्र यमराज बहन यमुना को दिया आशीर्वाद :- इस स्नान की मान्यता है कि जब सूर्य पुत्र यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने यहां आये तो यमुना जी ने उनका खूब आदर-सत्कार किया और दोनों ने इसी विश्राम घाट पर स्नान किया था, इससे प्रसन्न हो यमराज ने अपनी बहन से वरदान मांगने को कहा तो यमुना जी ने वरदान मांगा कि इस दिन इस घाट पर जो भाई-बहन मेरे जल से स्नान करेंगे, उनको यम फ़ांस से मुक्ति मिलेगी और उनके सारे पाप दूर होकर उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होगी। पूरी दुनिया में यमराज का एक मात्र मंदिर है जो मथुरा के विश्राम घाट पर है और स्नान के बाद सभी भाई-बहन इस मंदिर में यमराज की पूजा कर यम फ़ांस से मुक्त होकर मोक्ष की प्राप्ति करते है। यही वजह है कि मोक्ष प्राप्ति की कामना के साथ यहां देश-विदेश से लाखों भाई-बहन आज के दिन स्नान करने पहुंचते है। सुबह चार बजे से शुरू होने वाला यम-द्वितीया स्नान देर शाम तक चलता है।
कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ी :- जिला प्रशासन की तरफ से यम द्वितीया स्नान को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए थे लेकिन ये इंतजाम प्रशासन की नाकामी की ही भेंट चढ़ गए। स्नान करने आये लोगों ने न तो मास्क लगा रखा था और न ही ही सोशल डिस्टेंस का पालन किया। सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी और अधिकारी आंखें बंद कर सब देखते रहे लेकिन किसी ने जहमत नहीं उठायी। एक तरफ तो सिटी मजिस्ट्रेट पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था का बखान करते नहीं थक रहे वहीं दूसरी ओर श्रद्धालु कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाते नजर आए।
कुछ को मौका मिला कुछ निराश लौटे :- विश्राम घाट पर स्नान करने दिल्ली से आयी महिला रेखा ने बताया की यहां आकर मन को सुकून मिलता है। आज स्नान किया है भाई की लम्बी उम्र की मन्नत मांगी है और यहां स्नान करने से यम फ़ांस से मुक्ति मिलती है। वही संजय अग्रवाल और वर्षा अग्रवाल का कहना है कि व्यवस्था बहुत ही ख़राब है। कोरोना की भय की वजह से हम लोगों को बिना स्नान के ही लौटा पड़ रहा है।