पूरन सिंह का निवास मथुरा रिफाइनरी नगर के गावं गोपालपुरा में है। वे वेल्डिंग मजदूर हैं और इसी कार्य से परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। बेटे कृष्ण गोपाल ने पूरन सिंह का माथा गर्व से ऊंचा कर दिया है। अब जब कृष्ण गोपाल का चयन इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गनाइजेशन (इसरो) में हो गया है, तो हर कोई गर्व कर रहा है।
कृष्ण गोपाल ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) से इंटरमीडिएट किया। फिर गाजियाबाद के आइडियल बीटेक (मैकेनिकल) में प्रवेश लिया। पिता चूंकि मजदूरी करते हैं, इसलिए शिक्षण शुल्क की समस्या थी। इस पर कृष्ण गोपाल ने छात्रवृत्ति परीक्षा उत्तीर्ण करके फीस की जुगाड़ भी कर ली। फरवरी, 2017 में इसरो के लिए लिखित परीक्षा दी। इस परीक्षा में देशभर से तीन लाख से अधिक अभ्यर्थी थी। सफल हुए 300, जिनमें कृष्ण गोपाल का भी नाम शामिल था। फिर 22 सितम्बर, 2017 को दिल्ली में साक्षात्कार हुआ। इसके बाद 34 अभ्यर्थियों का चयन हुआ। कृष्ण गोपाल का नाम 32वें क्रमांक पर था।
कृष्ण गोपाल की दिली इच्छा शानदार रॉकेट बनाने की है। ऐसा रॉकेट जो आज तक कहीं नहीं बना हो। इस बारे में पूछे जाने पर शिक्षक अशोक बंसल का कहना है कि किसी में प्रतिभा है तो उसका कोई तोड़ नहीं है। प्रतिभा के साथ-साथ लगन भी जरूरी है। कृष्ण गोपाल की उपलब्धि पर मथुरा जिले को गर्व भी है और खुशी भी।