उन्होंने कहा कि हेमा मालिनी ने आज अपनी नृत्य नाटिका में शिव पार्वती और दुर्गा के विभिन्न जनकल्याणकारी स्वरूपों को प्रस्तुत किया। मां दुर्गा जहां अपने भक्तों को संरक्षण देती हैं। वहीं दुष्टों का वे संहार करती हैं तथा वे अभिमान और अत्याचार को भी बर्दास्त नही करतीं।’’
हेमामालिनी ने मथुरा की समस्याओं को संसद में उठाया
उन्होंने कहा, ‘‘सांसद
हेमामालिनी ने संसद के माध्यम से मथुरा की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाया। वे यहां के विकास, यहां की संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए और यहां के पर्यावरण को बचाने के लिए संसद के अंदर और संसद के बाहर प्रयत्नशील रहती हैं। उन्होने वृन्दावन के बंदरों द्वारा चश्मा छीनने तक की घटना का भी जिक्र संसद में किया है।’’
श्रीकृष्ण की इस पावन भूमि पर लोगों को मिलती है आध्यात्मिक शक्ति
लोकसभा अध्यक्ष ने कार्यक्रम के बाद रविवार देर रात पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हेमामालिनी ने यहां के आध्यात्म, धर्म और संस्कृति को विश्व के कोने कोने तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण की इस पावन भूमि पर लोगों को आध्यात्मिक शक्ति मिलती है तथा यह भूमि सत्य पर आचरण करने की प्रेरणा देती है। यह भूमि कर्म करने के लिए जानी जाती है तथा यह नसीहत देती है कि बिना फल की आशा किए समाज की सेवा करो। हेमा मालिनी ने मां दुर्गा बनकर दी परफॉर्मेंस
नवरात्र के पावन अवसर पर नाट्यविहार कला केन्द्र मुम्बई की ओर से हेमामालिनी ने नृत्य नाटिका दुर्गा पर जीवंत प्रस्तुति कर दर्शकों का मन मोह लिया। दक्ष बध, शिव तांडव, बमलहरी, शिव पार्वती विवाह और नमस्तस्ये की प्रस्तुति से वातावरण धार्मिकता से इतना रंग गया कि दर्शक समय समय पर तालियों की गड़गड़ाहट के साथ भगवान भोलेनाथ और मां दुर्गा की जयकार करते रहे।
कार्यक्रम की शुरूवात उन्होने जब शिव -सती कथा से की और उसमें भक्ति, प्रेम और रौद्र रूप का समिश्रण किया तो दर्शक भाव विभोर हो गए।सती और पार्वती के रूप में उनकी जीवंत प्रस्तुति देखकर दर्शक दांतों तले उंगली दबा बैठे। कार्यक्रम के अंत में इस नृत्य नाटिका के माध्यम से दुर्गा की अनूठी प्रस्तुति कर लोगों का दिल जीतनेवाली मथुरा की सांसद मालिनी ने कहा ’’ अपने पांचजन्य आडिटोरियम में नवरात्र के पावन पर्व पर यह कार्यक्रम प्रस्तुत कर मैं अभिभूत हूं। मैने यह आडीटोरियम यहां इसलिए बनावाया कि मै चाहती हूं कि लोग बाहर से आकर भी यहां पर अपनी कला का प्रस्तुतीकरण करें। जिससे यहां की युवा शक्ति कला, संगीत और नाट्य के माध्यम से अपनी प्रतिभा को निखारें।’’