scriptबांके बिहारी कॉरिडोर मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को दिया आदेश, मंदिर का पैसा ना ‘छूएं’ | Banke bihari vrindavan corridor allahabad high court | Patrika News
मथुरा

बांके बिहारी कॉरिडोर मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को दिया आदेश, मंदिर का पैसा ना ‘छूएं’

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वृन्दावन में बांके बिहारी के कॉरिडोर मामले में दायर याचिका पर राज्य सरकार से कहा कि मंदिर के पूजा अनुष्ठानों में हस्तक्षेप न करें और मंदिर प्रबंधन के पैसे को ‘छूएं’ नहीं।

मथुराSep 27, 2023 / 09:30 am

Anand Shukla

allahabad_high_court.jpg

वृंदावंन कॉरिडोर मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट अब 5 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।

वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर के चारों तरफ कॉरिडोर बनाए जाने के प्रस्ताव से जुड़े मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है। इस मामले में मंगलवार को कोर्ट ने पूजा अनुष्ठान और मंदिर प्रबंधन के अंदर हस्तक्षेप पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही मंदिर में दान किए गए पैसों को भी नहीं छूने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि पूजा अनुष्ठान को सेवायतों पर ही छोड़ दिया जाए।
मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ ने मंगलवार को राज्य और गोस्वामी सेवायतों से पूछा कि क्या मंदिर क्षेत्र के पुनर्विकास की प्रस्तावित योजना के संबंध में उनके बीच कोई बातचीत हुई है। इस पर सेवायतों की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि वे न तो कॉरिडोर निर्माण के लिए चढ़ावे में आने वाली रकम को देंगे और ना ही सरकार का किसी तरह का हस्तक्षेप मंजूर है।

यह भी पढ़ें

महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा समेत 13 लोगों पर दर्ज हुई FIR, स्कॉर्पियो से जुड़ा मामला

मंदिर के सेवायतों और सरकार के बीच हो चुकी बातचीत
वहीं, यूपी सरकार का कहना है कि जमीन अधिग्रहण पर 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम खर्च होने का अनुमान है। हाईकोर्ट के आदेश पर मंदिर प्रबंधन से जुड़े सेवायतों और सरकार के बीच प्रयागराज में बैठक भी हो चुकी है। बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल सका था।
मंगलवार की सुनवाई में भी सेवायतों ने किसी भी सूरत में चढ़ावे में मिली रकम न देने की दलील रखी। मंदिर के सेवायतों की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि अगर सरकार कॉरिडोर का निर्माण करना चाहती है तो उसे यह काम अपने फंड से ही करना चाहिए।
काशी कॉरिडोर की तरह वृंदावन कॉरिडोर बनाना चाहती योगी सरकार
दरअसल योगी सरकार वाराणसी के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तरह बांके बिहारी मंदिर का भी कॉरिडोर बनाना चाहती है। सरकार चाहती है कि इसे बनाने में खर्च होने वाली रकम मंदिर में आने वाले चढ़ावे से ले ली जाए। जो कि मंदिर प्रबंधन से चंदे की रकम को देने को तैयार नहीं है। अब हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि कॉरिडोर बनाने में कितना खर्च आएगा और उसके पास फंड को लेकर वैकल्पिक व्यवस्थाएं क्या है?
कोर्ट ने अगर मंदिर प्रबंधन के सेवायत कॉरिडोर बनाने में सहयोग तैयार नहीं करते है तो सरकार के पास क्या प्लान है? कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा है कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण किस तरह से हुआ और इसके लिए बजट का इंतजाम कैसे हुआ?
5 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई
यूपी सरकार की तरफ से कोर्ट में सुझाव दिया गया कि मंदिर का निर्माण एक ट्रस्ट बनाकर कराया जा सकता है। ट्रस्ट में मंदिर प्रबंधन और सरकार दोनों सहयोग दे सकते हैं। अदालत ने सरकार और सेवायत से ही इस विवाद को निपटाने का फार्मूला बताने को कहा गया है। सेवायतों की तरफ से बताया गया कि मंदिर प्राइवेट प्रॉपर्टी है और इसमें सरकार को दखल देने का कोई अधिकार नहीं है। इस मामले में अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को होगी।

Hindi News/ Mathura / बांके बिहारी कॉरिडोर मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को दिया आदेश, मंदिर का पैसा ना ‘छूएं’

ट्रेंडिंग वीडियो