महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा समेत 13 लोगों पर दर्ज हुई FIR, स्कॉर्पियो से जुड़ा मामला
मंदिर के सेवायतों और सरकार के बीच हो चुकी बातचीतवहीं, यूपी सरकार का कहना है कि जमीन अधिग्रहण पर 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम खर्च होने का अनुमान है। हाईकोर्ट के आदेश पर मंदिर प्रबंधन से जुड़े सेवायतों और सरकार के बीच प्रयागराज में बैठक भी हो चुकी है। बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल सका था।
दरअसल योगी सरकार वाराणसी के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तरह बांके बिहारी मंदिर का भी कॉरिडोर बनाना चाहती है। सरकार चाहती है कि इसे बनाने में खर्च होने वाली रकम मंदिर में आने वाले चढ़ावे से ले ली जाए। जो कि मंदिर प्रबंधन से चंदे की रकम को देने को तैयार नहीं है। अब हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि कॉरिडोर बनाने में कितना खर्च आएगा और उसके पास फंड को लेकर वैकल्पिक व्यवस्थाएं क्या है?
यूपी सरकार की तरफ से कोर्ट में सुझाव दिया गया कि मंदिर का निर्माण एक ट्रस्ट बनाकर कराया जा सकता है। ट्रस्ट में मंदिर प्रबंधन और सरकार दोनों सहयोग दे सकते हैं। अदालत ने सरकार और सेवायत से ही इस विवाद को निपटाने का फार्मूला बताने को कहा गया है। सेवायतों की तरफ से बताया गया कि मंदिर प्राइवेट प्रॉपर्टी है और इसमें सरकार को दखल देने का कोई अधिकार नहीं है। इस मामले में अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को होगी।