साल में आउटफ्लो का सबसे ऊंचा स्तर
देश के शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली चालू महीने में जुलाई में अब तक 4,120 करोड़ रुपये हो चुकी है जोकि इस साल बाजार से आउटफ्लो का सबसे ऊंचा स्तर है। इसी महीने पांच जुलाई को पेश आम बजट 2019-20 में अति समृद्ध आयकरदाताओं पर सरचार्ज में वृद्धि के बाद एफआईआई की भारी बिकवाली देखने को मिली है, जिससे बाजार में करीब 40 से 50 फीसदी एफआईआई से प्राप्त रकम पर असर पड़ा है। बाजार को नई सरकार के बजट से देश की आर्थिक सुस्ती को रफ्तार देने के लिए उत्तेजक घोषणाओं की उम्मीद थी, इस प्रकार के किसी कदम का अभाव होने से निवेशकों को बड़ी निराशा मिली।
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अक्टूबर 18 के बाद सबसे बड़ी बिकवाली
अगर पिछले साल अक्टूबर 2018 की करें तो उस समय विदेशी निवेशकों ने बड़ी बिकवाली की थी। आईएएनएस द्वारा जारी इंफोग्राफिक्स से प्राप्त आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो अक्टूबर 2018 में विदेशी निवेशकों की ओर से शेयर बाजार से 29,201.20 करोड़ रुपए निकाले थे। उसके बाद से अब जाकर 4120 करोड़ रुपए की बिकवाली देखने को मिली है। वैसे अक्टूबर के बाद नवंबर 2018में विदेशी निवेशकों ने बाजार पर भरोसा दिखाते हुए करीब 4934.11 करोड़ रुपए निवेश किया था। उसके बाद दिसंबर में फिर से निवेशकों ने 1103.37 करोड़ रुपए निकाल लिए।
अक्टूबर 18 से दिसंबर 18 तक की स्थिति
महीना | विदेशी निवेश (करोड़ रुपए में) |
अक्टूबर | – 29,201.20 |
नवंबर | 4934.11 |
दिसंबर | – 1103.37 |
शुरुआती चार महीनों में मिला अच्छा रिस्पांस
मोदी सरकार के प्रति अच्छे रुझानों और सुदृढ़ सरकार बनने की अपेक्षाओं को देखते हुए जनवरी से लेकर अप्रैल तक निवेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में अच्छा इंवेस्ट किया। जनवरी में शुरूआत भले ही 128 करोड़ रुपए से रही। लेकिन फरवरी में यह आंकड़ा 13565 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। मार्च में निवेशकों ने फरवरी के मुकाबले दोगुने से भी ज्यादा निवेश किया और आंकड़े को 32,371.43 करोड़ रुपए तक पहुंचा दिया। अप्रैल में कुछ कम होकर आंकड़ा फरवरी से भी नीचे आया और 12,750 करोड़ पर अटक गया।
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जनवरी 19 से अप्रैल 19 तक रही बल्ले बल्ले
महीना | विदेशी निवेश (करोड़ रुपए में) |
जनवरी | 128 |
फरवरी | 13,565 |
मार्च | 32,371.43 |
अप्रैल | 12,750 |
लगातार तीन महीनों से देखने को मिल रही है गिरावट
नई सरकार बनने के बाद मई महीने से उम्मीद लगाई जा रही थी कि शेयर बाजार और विदेशी निवेशकों में जमकर पटेगी। शुरुआती दिनों में यह देखने को मिला। बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी क्रमश: 40 हजार और 12 हजार के स्तर को पार कर गए। लेकिन बाद में सब पिट गया। मई के महीने में विदेशी निवेशकों ने 2135.85 करोड़ रुपए निकाल लिए। जून के महीने में 688.50 करोड़ रुपए निकाले। अब इंतजार बजट का था। जिससे विदेशी निवेशक उम्मीद लगाकर बैठे थे कि जमकर घोषणाएं होंगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और निवेशकों ने निराशा के साथ जुलाई में अब तक 4120 करोड़ रुपए की बिकवाली कर डाली।
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मई से रूठा है विदेशी निवेशक
महीना | विदेशी निवेश (करोड़ रुपए में) |
मई | – 2135.85 |
जून | – 688.50 |
जुलाई में अब तक | – 4120 |
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