यहां जिला चिकित्सालय में टीबी यूनिट का संचालन किया जा रहा है। यहां टीबी के रोगियों की जांच की जा रही है। आधुनिक जांच सीबीनॉट मशीन की व्यवस्था भी शुरू कर दी गई। जिसमें सामान्य टीबी के साथ ही घातक टीबी की जांच दो घंटे में संभव है। पहले यहां घातक बीमारी होने पर रोगी के सैंपल लेकर जांच के लिए अजमेर भिजवाया जाता था। इसे देखते हुए यह सुविधा टीबी क्लीनिक पर उपलब्ध की जा रही है।यहां रोगी का सैंम्पल लेकर जांच की जाती है।जो ऑनलाइन होती है। इसमें दो घंटे में ही रिपोर्ट मिल जाती है।जिससे रोगी का तत्काल उपचार किया जा रहा है।अभी यहां ऐसे 40 रोगियों का उपचार चल रहा है। अब तक 4 रोगी स्वस्थ्य हो चुके है।
ब्लॉक मरीज
अरनोद 329
छोटीसादड़ी 223
धरियावद 418
पीपलखूंट 379
प्रतापगढ़ 341
योग 1690 कर रहे है प्रयास
जिले में क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है।यहां दवाई लेने में रोगी लापरवाही करते है और पूरी दवाई नहीं लेते है।ऐसे में यह रोग फिर से रोगी को घेर लेता है।इसके लिए हम रोजाना इसकी खुराक चिकित्साकर्मी के सामने खिलाते है। करीब सात प्रतिशत लोग बीच में ही दवाई लेना छोड़ देते है।ऐसे में कई अन्य रोग भी रोगी को घेर लेते है।इसके लिए हम कार्यकर्ताओं को निर्देश देते है।
डॉ. नरेन्द्र विजय
जिला क्षय रोग अधिकारी, प्रतापगढ़
अगर दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी और बलगम की शिकायत हो तो जांच कराएं।
टीबी की दवा निश्चित अवधि तक नियमित रूप से लें।
खांसते या छींकते समय मुंह पर कपड़ा या रुमाल रखें।
बिना चिकित्सक के सलाह के दवा लेना बंद नहीं करें।