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मंदसौर

MP Election 2023: वंशवाद की बेल सींच रही भाजपा-कांग्रेस, चार सीटों पर पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर पूर्व सांसद व पूर्व विधायक के बेटों को टिकट

जीत के लिए इस बार संसदीय क्षेत्र की 8 में से 4 सीटों पर दोनों दलों ने नेताओं के परिजनों को दिए टिकट

मंदसौरOct 23, 2023 / 12:43 pm

Sanjana Kumar

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राजनीतिक मंचों से अक्सर नेता पार्टियों में चल रहे वंशवाद पर प्रहार करते हुए सुने जा सकते है। जिस वंशवाद के खिलाफ कई बार भाजपा के सबसे बड़े नेताओं ने भाषण दिया। भाजपा हर मंच से पार्टी में परिवारवाद के खिलाफ खुलकर बोलती हुई आ रही है। उसी परिवारवाद की राह पर पार्टी इस बार टिकट देने में फिर चली। कांग्रेस ने भी इसी को अपनाया है। संसदीय क्षेत्र की आठ सीटों में से 4 सीटों पर दोनों दलों ने नेता पुत्रों को इस बार फिर टिकट दिया। ऐसा पहली बार भी नहीं हुआ है। हर चुनाव में संसदीय क्षेत्र में वंशवाद टिकट वितरण में हावी नजर आया है। जिन सीटों पर नेता पुत्रों को टिकट देकर पार्टी ने मैदान में उतारा है उन सीटों पर अन्य दावेदार भी थे लेकिन पार्टी ने परिवारवाद की राह पर चलते हुए नए को मौका देने से परहेज करते हुए पार्टी के पूर्व वरिष्ठ नेताओं के बेटों को इस बार भी टिकट दे दिया है। जो इन दिनों राजनीति गलियारों में सबसे अधिक चर्चा का विषय है।

अनुभव के आधार पर नेता पुत्रों को दिया टिकट

अक्सर चुनावी सभाओं में राजनीतिक दलों के नेता एक-दूसरे पर वंशवाद को लेकर तीखे हमले करते हैं, लेकिन वंशवाद वास्तविकता में सिर्फ चुनावी भाषण तक ही सीमित है। असल में तो वंशवाद की खिलाफत करने वाले यह राजनीतिक दल इसी राह पर चल रहे है। राष्ट्रीय पार्टियों ने संसदीय क्षेत्र में दिए गए टिकिट में वंशवाद को तरजीत देते हुए अपने कदम आगे बढ़ाए है। ऐसा भी नहीं की यह पहली बार हुआ, बल्कि किसी को लगातार पांच तो किसी को तीन से लेकर चार बार लगातार मौका दिया गया। इस बार के चुनावी रण में अनुभव को आधार मानकर फिर से ही उन्हीं के परिवारों को टिकट दिए जो पहले भी सांसद से लेकर विधायक और मुख्यमंत्री से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक रह चुके है।

तीन सीटों पर भाजपा तो एक पर कांग्रेस ने वंशवाद को बढ़ाया

भाजपा ने संसदीय क्षेत्र की आठ में से तीन सीटों पर टिकट दिया है। इसमें जावरा, मंदसौर व जावद की सीट अहम है वहीं कांग्रेस ने आठ में से सिर्फ एक सीट पर नेता पुत्र को मनासा में टिकट दिया है। भाजपा सबसे अधिक वंशवाद के खिलाफ है ऐसे में भाजपा ही इस पर आगे बढ़ रही है। कांग्रेस भले ही इसके खिलाफ नहीं बोलती लेकिन परिवारवाद की राह पर कांग्रेस भी चल रही है।

जिला पंचायत से लेकर नपा में भी जिले में परिवारवाद

सिर्फ विधानसभा ही नहीं बल्कि इसके पहले जिले में हुए निकाय व पंचायत चुनाव में भी भाजपा ने परिवारवाद को बढ़ावा दिया है। जिला पंचायत की अध्यक्ष व जिला पंचायत की उपाध्यक्ष पूर्व विधायक की पुत्रवधु है तो वहीं नगर पालिका की अध्यक्ष किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की पत्नी है और नगर पालिका की उपाध्यक्ष पूर्व मंत्री की पुत्रवधु है।

पूर्व सांसद के बेटे को फिर टिकट

जावरा विधानसभा से भाजपा ने पूर्व सांसद व पूर्व प्रदेशाध्यक्ष स्व. डॉ लक्ष्मीनारायण पांडेय के पुत्र डॉ राजेंद्र पांडेय को टिकट दिया है। पिता-पुत्र की जोड़ी को जावरा विधानसभा से 9वीं बार विधानसभा का टिकट मिला है। राजेंद्र पांडेय को लगातार छटी बार पार्टी ने टिकिट दिया है।

 

पिता व बड़े भाई रह चुके विधायक

मंदसौर विधानसभा से भाजपा ने सीतामऊ से पूर्व विधायक किशोरसिंह सिसौदिया के बेटे व पूर्व विधायक राजेंद्रसिंह सिसौदिया के भाई यशपालसिंह सिसौदिया को लगातार चौथी बार टिकट दिया है।

पूर्व सीएम के बेटे को टिकट

जावद विधानसभा से भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरेंद्र सखलेचा के बेटे ओमप्रकाश सखलेचा को लगातार पांचवी बार विधानसभा का टिकट दिया है।

 

पूर्व सांसद के बेटे को टिकट

कांग्रेस ने मनासा विधानसभा से पूर्व सांसद भंवरलाल नाहटा के पुत्र नरेंद्र नाहटा को टिकट दिया है। नाहटा लंबे समय से मनासा से पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ते आ रहे है।

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