Dussehra 2024: एमपी के इस शहर का दामाद था रावण, बिना घूंघट महिलाएं नहीं आती सामने
Dussehra 2024: दशहरा में रावण जलाने की परंपरा देश भर में निभाई जाती है। इसके विपरीत मध्यप्रदेश का एक शहर ऐसा भी है जहां पर दशहरे के दिन रावण की पूजा की जाती है……
Dussehra 2024: असत्य पर सत्य की विजय का पर्व दशहरा उत्सव पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। लोग रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण का पुतला बनाकर उसको जलाते हैं, लेकिन एमपी का एक शहर ऐसा भी है जहां रावण का वध करने के बजाय दशहरा पर उसकी पूजा अर्चना की जाती है।
मध्यप्रदेश के मंदसौर शहर के बारे में ऐसी मान्यता है कि रावण की पत्नी मंदोदरी मंदसौर की थी। इसी लिहाज से मंदसौर रावण का ससुराल है। पूर्व में इस जिले को दशपुर के नाम से पहचाना जाता था। यहां के खानपुरा क्षेत्र में रुण्डी नामक स्थान पर रावण की प्रतिमा स्थापित है, जिसके 10 सिर हैं।
यहां दशहरे के दिन रावण की पूजा की जाती है। हर साल दशहरे के अवसर में रावण के पूजन का आयोजन मंदसौर के नामदेव समाज द्वारा किया जाता है।
महिलाएं रावण की प्रतिमा के सामने डालती है घूंघट
मंदसौर के स्थानीय निवासियों का कहना है कि रावण मंदसौर का दामाद था, इसलिए महिलाएं जब प्रतिमा के सामने पहुंचती हैं तो घूंघट डाल लेती हैं। मान्यता है कि इस प्रतिमा के पैर में धागा बांधने से बीमारी नहीं होती। यही कारण है कि अन्य अवसरों के अलावा महिलाएं दशहरे के मौके पर रावण की प्रतिमा के पैर में धागा बांधती हैं।
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