4 हाथियों को रखा शिविर से दूर
कान्हा में वैसे 18 हाथी हैं। जिसमें से चार हाथियों को छोटे बच्चे के साथ रहने, गर्भवती होने व अन्य कारणों से कैंप से दूर रखा है। कैंप में शामिल 14 हाथियों की आवभगत शुरू कर दी गई। इन 14 हाथियों में एक जंगली हाथी भी है। जिसे छत्तीसगढ़ से मंडला के जंगलों में आने पर कान्हा की टीम ने 6 माह पूर्व पकड़ा था। जबकि इसके एक साथी की मौत जबलपुर में हो गई थी। हाथियों की सेवा में महावत, चाराकटर, वनकर्मी लगे हुए हैं। 24 घंटे हाथियों के साथ रहेंगे। हाथियों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जा रहा है ताकि यदि उनमें से किसी के स्वास्थ्य में गड़बड़ी पाई जाए तो तत्काल उनका उपचार किया जा सके।
रोजाना दिया जाता है विशेष आहार
कान्हा प्रबंधन के अनुसार, यूं तो गजराजों के स्वास्थ्य का नियमित परीक्षण किया जाता है। लेकिन कैंप में भी उनके स्वास्थ्य की निगरानी होती है। कैंप में उन्हें विशेष आहार दिया जाता है। वह आहार उनके लिए पूरी तरह सुपाच्य हो इसके लिए हाथियों की पेट की सफाई भी विशेषज्ञों की देखरेख में की जाती है। ताकि यदि पेट में कृमि आदि हों तो उसकी सफाई हो सके। कैंप में हाथियों के रक्त के नमूने भी लिए जाएंगे। ताकि उनका परीक्षण किया जा सके। कान्हा प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार की सुबह हाथियों को मक्का, गन्ना, केला, अनानस, मौसमी आदि खिला गया। दोपहर को हाथियों को जंगल से नहलाकर वापस केम्प मेें लाया गया और रोटी-गुड़ एवं फल परोसे गए। इसके बाद फिर उन्हें जंगल में विचरण के लिए छोड़ा गया। फील्ड डायरेक्टर ने बताया कि हाथियों की यह दिनचर्या पूरे कैंप में जारी रहेगी। इसके अलावा उनके शरीर की सफाई के अंतर्गत दांतों की सफाई, नाखूनों को शेप आदि दिया जाएगा।