अतिथियों के ही भरोसे हैं स्कूल
ट्रायबल के अधिकांश हाई स्कूलों में एक-एक ही शिक्षक हैं। कई प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल शिक्षक विहीन तक हैं। हायर सेकेंडरी स्कूलों में जहां लगभग 800 की दर्ज संख्या है वहां 4-5 नियमित शिक्षक ही कार्यरत हैं। अधिकांश स्कूल अतिथि शिक्षकों के भरोसे ही संचालित किया जा रहा है। टीचर्स एसोसिएशन ने सहायक आयुक्त से अपील की है कि अतिथि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शिक्षा विभाग द्वारा संचालित की जाती है। भर्ती की यह पक्रि या एकदम लचर और जटिल है, साथ ही भर्ती में विलंब बहुत होता है जिससे रिजल्ट प्रभावित होता है। ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में शिक्षकों के पद खाली हैं और यहां के विद्यार्थी सिर्फ विद्यालय की पढ़ाई में ही आश्रित रहते हैं समय पर अतिथि शिक्षक की व्यवस्था नहीं होने पर पढ़ाई में पिछड़ जाते हैं ।
अतिथि शिक्षकों की भर्ती की व्यवस्था खुद करें
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डी के सिंगौर का कहना है कि ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन ने प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी से मांग की है कि ट्रायबल विभाग अपने स्कूलों के लिए अतिथि शिक्षकों की भर्ती की व्यवस्था खुद करे व भर्ती प्रक्रिया का सरलीकरण कर ऐसे भर्ती नियम बनाए कि अतिथि शिक्षक भी परेशान न हों और 1 जुलाई के पहले अतिथि शिक्षक सभी विद्यालयों में नियुक्त हों जाएं । वर्तमान में अतिथि शिक्षकों के भर्ती नियम इतने जटिल हैं कि अतिथि शिक्षक से लेकर संकुल प्राचार्य तक सब हलाकान हैं इतनी खानापूर्ति तो नियमित भर्ती तक में नहीं होती । एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डी के सिंगौर ने सभी ट्रायवल जिलों में एसोसिएशन द्वारा कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने की अपील की है ।