सीएम राइज स्कूल योजना के अंतर्गत पहले चरण में प्रदेश के 350 स्कूलों का चयन किया गया है। इन स्कूलों में वे सारी सुविधाएं होंगी जो एक निजी स्कूल में होती है। प्राइमरी से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई, हायर सेकंडरी में पढ़ाए जाने वाले तमाम विषय, खेलकूद, शारीरिक क्षमता बढ़ाने और बौद्धिक स्तर बढ़ाने के सारे संसाधन शासन की तरफ से उपलब्ध कराए जाएंगे। स्कूलों में पर्याप्त आकार का खेल मैदान, स्वीमिंग पूल आदि की सुविधाएं भी होंगी। जिन 10 स्कूलों का चयन पहले चरण में सीएम राइज के लिए हुआ है इन स्कूलों में से जिला मुख्यालय पर बनाए जाने वाले स्कूलों को दो हजार विद्यार्थियों की क्षमता के हिसाब से बनाया जाएगा। विकासखंड मुख्यालय पर डेढ़ हजार क्षमता रहेगी। सीएम राइज स्कूलों में आने के इच्छुक व्याख्याताओं, शिक्षकों और सहायक शिक्षकों की योग्यता परखने के लिए परीक्षा ली जा रही है। लेकिन इन परीक्षा में पास होने वाले शिक्षकों को आदिवासी विकास विभाग से एनओसी लेनी होगी। जिसके बाद ही सीएम राइज स्कूल में सेवा दे सकेंगे।
सरकार की योजना सफल रही तो अगले कुछ सालों में सरकारी स्कूलों के प्रति लोगों की सोच बदल जाएगी। इन स्कूलों में भी निजी स्कूलों की तरह अपने बच्चों का दाखिला कराने पालकों में होड़ लगेगी। सीएम राइज योजना के तहत सरकारी स्कूलों को किसी भी बड़े निजी स्कूल से बेहतर बनाने और हर तरह की सुविधाओं के साथ पढ़ाई का स्तर पर भी निजी स्कूलों से बेहतर करने की योजना है। जिले में पहले चरण में शामिल स्कूलों में बदलाव की कवायद शुरू हो गई। सीएम राइज स्कूल में आस-पास के 15 किमी दायरे में आने वाले सभी सरकारी स्कूलों के बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। शिक्षकों एवं अन्य स्टाफ के सभी पद भरे जाएंगे। बच्चों और शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड भी अलग होगा ड्रेस का कलर, जूते, मोजे, स्कूल का बस्ता और बैच अभी तय किया जा रहा है।
एक प्राचार्य दो उप प्राचार्य
अभी तक सरकारी हायर सेकंडरी स्कूलों में एक ही प्राचार्य पदस्थ रहते हैं, लेकिन सीएम राइज स्कूलों में एक प्राचार्य की मदद के लिए दो उप प्राचार्य भी पदस्थ किए जाएंगे। स्कूल में तीन पीटीआई के साथ दो संगीत शिक्षक भी नियुक्त किए जाएंगे।
इनका कहना
सीएम राइज योजना सरकारी स्कूलों के लिए एक बड़ी महत्वाकांक्षी योजना है। इसकी सफलता के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। सात नबवंर को शिक्षकों के चयन के लिए परीक्षा आयोजित की जा रही है। जिसमें शिक्षकों की रूचि भी दिख रही है।
एमएस सेन्द्राम, सहा संचालक शिक्षा