जनऔषधि केंद्र की सेवाएं शुरू
केन्द्र सरकार द्वारा आम लोगों को सस्ती और विश्वसनीय दवाएं उचित कीमत पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जनऔषधि केंद्र खोलने का निर्णय लिया है। पहले चरण में देश के 17 राज्यों के 50 रेलवे स्टेशनों का चयन किया गया है। जहां प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केन्द्र खोले गए। इन रेलवे स्टेशनों के कॉनकार्स या सरकुलेटिंग एरिया में लगभग 120-130 वर्ग फुट के क्षेत्र में जन औषधि केन्द्र खोले गए हैं। जिसका लाभ यहां आने-जाने वाले पैसेंजर्स सहित आमजनता व आगंतुकों सभी को मिलेगा। जन औषधि केंद्र पर जेनेरिक दवाइयां मिलेगी जो बाजार में मिल रही नामी कंपनी की दवाओं के मुकाबले काफी सस्ती हैं। इसकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए रेल यात्रियों को भी इमरजेंसी में रेलवे स्टेशन पर स्थित जन औषधि केंद्र से ही सस्ती दरों पर दवा प्राप्त कराने की दिशा में यह कदम उठाया गया है।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल के अंतर्गत प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केन्द्र के लिए नैनपुर तथा नागभीड़ स्टेशन को चिन्हित किया गया। जहां जनऔषधि स्टोर खोला गया है। नियमानुसार नैनपुर तथा नागभीड़ स्टेशन पर तीन वर्ष के लिए जन औषधि केंद्र संचालन के लिए ठेका भी आवंटित किया गया है।
रेलवे की व्यापक पहुंच और महत्व को ध्यान में रखते हुए स्थानीय उत्पादों को देशभर में लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर स्थानीय कपड़ों, हस्शिल्प, मिट्टी से निर्मित वस्तुएं, हथकरघा, बांस के उत्पाद, वनोपज आदि को बढ़ावा देने हेतु स्थानीय उत्पादों को बेहतर प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने के उद्देश्य से नाम मात्र शुल्क के साथ स्थानीय उत्पादों को 15-15 दिनों के लिए यह व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। इसके लिए कियोस्क स्ट्रॉल का निर्माण नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन अहमदाबाद द्वारा किया गया है। स्ट्रेशन पर कियोस्क रेलवे द्वारा अपने खर्च पर लगाकर दिया गया हैं। इस योजना के तहत रेलवे छोटे किसानों और उद्यमों के लिए कुशल लॉजिस्टिक्स विकसित करेगा। प्रत्येक रेलवे स्ट्रेशन को एक स्थानीय उत्पाद के लिए प्रचार केंद्र की तरह देखा जा सकता है। यह किसानों और कृषि एवं उसके सहयोगी उद्यमों के लिए अधिक कुशल विकसित करने में मदद करेगा और स्टेशनों से गुजरने वाले व्यापक दर्शकों, यानी रेलवे यात्रियों के लिए अद्वितीय क्षेत्रीय उत्पाद पेश करेगा।
इसका उद्देश्य रेलवे का उपयोग करके स्थानीय उत्पाद की आपूर्ति श्रृंखला को बेहतर बनाना है। बताया गया कि वन स्ट्रेशन वन प्रोडक्ट के माध्यम से वोकल फॉर लोकल के तहत आत्मनिर्भर भारत की ओर अग्रसर होगा। वहीं स्थानीय लघुकार, कारीगरों, हस्तशिल्पों की आय में वृद्धि भी होगी। स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने में भी मदद मिलेगी। यात्रीगण इन स्थानीय स्वदेशी सामान की खरीदी कर इस कार्य में लगे कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराने में अपना अमूल्य सहयोग प्रदान कर सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत हस्तशिल्प कपड़ा और हथकरघा, पारंपरिक वस्त्र, स्थानीय कृषि उत्पाद आदि स्थानीय उत्पादों के बिक्री के लिए स्ट्रॉल संचालन हेतु इच्छुक व्यक्ति अथवा उत्पादक सम्बंधित रेलवेस्टेशनों के स्टेशन प्रबंधक के पास आवेदन कर इस अवसर का लाभ लेंगे।