scriptअयोध्या के राम मंदिर गर्भगृह में लग रहा है यहां का खास पत्थर, पता चलते ही पूजन करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री | marbel stone being installed in sanctum sanctorum of Ram temple of Ayodhya as soon as it was found out Union Minister faggan singh kulaste came to worship | Patrika News
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अयोध्या के राम मंदिर गर्भगृह में लग रहा है यहां का खास पत्थर, पता चलते ही पूजन करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री

जिला मुख्यालय के पास ग्राम फूलसागर में स्थित मार्बल इंडस्ट्री से कटिंग किया जा रहा मार्बल पहले राजस्थान और दिल्ली जाता है, जहां कारीगरी के बाद इस पत्थर को अयोध्या में बन रहे राम लला के दरबार में पहुंचाया जाता है।

मंडलाDec 14, 2023 / 09:57 pm

Faiz

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अयोध्या के राम मंदिर गर्भगृह में लग रहा है यहां का खास पत्थर, पता चलते ही पूजन करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री

अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के गर्भगृह में लगने वाला मार्बल मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिले मंडला से लाया जा रहा है। जिला मुख्यालय के पास ग्राम फूलसागर में स्थित मृदुकिशोर इंडस्ट्रीज से कटिंग किया जा रहा मार्बल पहले राजस्थान और दिल्ली जाता है, जहां से कारीगरी के बाद इस पत्थर को अयोध्या में बन रहे राम लला के दरबार में पहुंचाया जाता है। बता दें कि इस मार्बल का इस्तेमाल निर्माणाधीन मंदिर के गर्भगृह में हो रहा है।

 

जब इस विशेष पत्थर की जानकारी स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को लगी तो वे मृदुकिशोर इंडस्ट्रीज पहुंच गए। यहां उन्होंने इंडस्ट्री के संचालकों से मुलाकात की। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने गर्भगृह में लगने जा रहे मार्बल पत्थरों का पूजन भी किया। उन्होंने मंडला के पत्थरों का इस्तेमाल राम मंदिर के गर्भगृह में होने पर मंडला वासियों का सौभाग्य बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि ये पूरे जिले के लिए हर्ष और गौरव की बात है।

 

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मंदिर निर्माण के लिए थी ऐसे पत्थर की डिमांड

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मृदु किशोर इंडस्ट्रीज के संचालक किशोर कल्पिवार ने मीडिया से चर्चा में कहा कि राम मंदिर निर्माण में लगे टाटा ग्रुप और एलएंडटी को मंदिर के गर्भगृह के लिए मंडला से मार्बल भेजा जा रहा है। उनके अनुमान के अनुसार, मंदिर में दर्शन के लिए एक दिन में 4 से 5 लाख लोग आएंगे। इतने लोगों के आने-जाने की वजह से मंदिर में कम मेंटेनेंस और उच्च गुणवत्ता के मार्बल लगाया जा रहा है।

 

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मापदंडों पर खरा उतरने पर मिला ऑर्डर

संचालक ने ये भी कहा कि विभागीय मापदंडों को मद्देनजर रखते हुए निर्माण कंपनी द्वारा उनकी इंडस्ट्री के मार्बल का कई स्तरों में परीक्षण किया गया। सभी परीक्षणों में खरा उतरने के बाद मंदिर के लिए मार्बल के सेंपल भेजे गए। वहां भी इसी तरह मार्बल का परीक्षण होने के बाद ही इसका आर्डर दिया गया। महरून और गोल्डन मार्बल मंदिर के लिए चयनित किया गया है। यह मार्बल मृदुकिशोर ग्रुप की मंडला, जबलपुर और सीधी स्थित माइंस से निकलता है।


मार्बल की विशेषता

मंडला से भेजे जा रहे मार्बल का उपयोग मकराना के सफेद मार्बल के बीच अलग-अलग कॉम्बिनेशन में महरून, गोल्डन रंग के फूल आदि बनाने में हो रहा है। मंडला से इन मार्बल को सबसे पहले मकराना राजस्थान और दिल्ली भेजा जाता है। यहां पत्थरों पर कारीगरी करने के बाद इन्हें अयोध्या में निर्माणाधीन मंदिर पहुंचाया जाता है। कल्पिवार के अनुसार, नर्मदा तट में स्थित गोंडवाना बैल्ट सबसे पुराना भूभाग कहलाता है। ज्वालामुखी आदि के कारण यहां बहुत सारे भौगोलिक परिवर्तन हुए हैं। उसके कारण ये लावा स्टोन में परिवर्तित हो गए। ये प्राचीन आग्नेय चट्टानें कहलाती हैं। इसमें आने वाले रंग प्राकृतिक रूप से मेटल के कारण बने हैं।

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