ठेकदार के खिलाफ कुंभकार समाज ने दी आंदोलन की चेतावनी
मंडला•Nov 17, 2021 / 11:15 am•
Mangal Singh Thakur
बंजर से रेत की अवैध निकासी, भसुआ रेत पर लगाई रोक
मंडला. जिले में रेत के लिए 26 खदाने संचालित है। जिनका ठेका भी हो चुका है। लेकिन कागजी कार्रवाई व पर्यावरण से संबंधित एनओसी ना मिल पाने के कारण 12 खदाने ही संचालित हो रही है। लेकिन रेत का उत्खनन बंजर, मटियारी, सुरपन, बुढऩेर, हलोन आदि नदी से धड़ल्ले से किया जा रहा है। जो कुछ वैध तो कुछ अवैध हैं। रेत की कीमत भी 4 से 5 हजार रुपए ट्राली दी जा रही है। ऐसे में समान्य परिवारों का निर्माण कार्य पीछड़ रहा है। वहीं शासन के नियम के अनुसार पीएम आवास के हितग्राहियों व कुम्हारों के लिए छूट का प्रवावधान है लेकिन उन्हें लाभ नहीं मिल रहा है। कुम्हार समाज को ईंट व मिट्टी के बर्तन के लिए भसुआ रेत की आवश्कयता पड़ती है। कई कुम्हार नदी के किनारे बसे हैं इसके बाद भी उन्हें भसुआ रेत नहीं मिल रही है। जिसके लिए समाज के लोग अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के चक्कर काट रहे हैं। जानकारी के अनुसार कुम्हारों को ईंट व कवेलु, बर्तन बनाने के लिए बारीक रेत की आवश्यकता होती है। जो सिर्फ और सिर्फ कुम्हारों के उपयोग में आती हैं। इसके अलावा अन्य कार्यों में उपयोगी नहीं है। रेत ठेकेदारों ने कुम्हारों को रेत उठाने के लिए पाबंदी लगा दी है जबकि राज्य शासन का आदेश है कि कुम्हार समाज के लोगों के लिए भसुआ रेत व बर्तन निर्माण के लिए मिट्टी उपलब्ध कराने के लिए स्थान आरक्षित किया जाएगा। परन्तु स्थानीय जिला प्रशासन के द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा न ही कुम्हारों की समस्याओं के निराकरण के लिए उचित कदम उठाए जा रहे है। कुम्हार समाज के लोगों का ईंट व्यवसाय मात्र छह महीने चलता है। इस पर भी प्रशासन का रवैया और रेत खदानों के ठेकेदारों की मनमानी के चलते इनको वंचित होना पड़ रहा है। जिला कुम्हार संघ ने अनेकों बार जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतनिधियों व केन्द्र में मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के संज्ञान में भी यह विषय दी है। संघ के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि जल्द ही मिट्टी उपलब्ध नहीं कराई जाती है तो उन्हें आंदोलन करना पड़ेगा।
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