प्रदेश में सर्वश्रेष्ट नंबर वन क्वालिटी का तेंदूपत्ता
तेंदुपत्ता संग्रहण संग्रहण को लेकर शुरू हुई तैयारी
प्रदेश में सर्वश्रेष्ट नंबर वन क्वालिटी का तेंदूपत्ता
मंडला. तेंदुपत्ता को ऐसे ही हरा सोना नहीं कहा जाता है, वन विभाग को सिर्फ तेंदुपत्ता के संग्रहण से ही हर साल करोड़ों का राजस्व प्राप्त होता है। फिर हमारे जिले में होने वाले तेंदुपत्ता की बात ही क्या कहिये, यहां प्रदेश का नंबर वन क्वालिटी का तेंदुपत्ता होता है। मानसून में रिकॉर्ड बारिश के बाद सर्दी के लंबे दौर से इस बार तेंदूपत्ता की पैदावार में बढ़ौत्तरी होने की बात कही जा रही है। वन विभाग ने जिले में 57 हजार 900 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रह का लक्ष्य रखा है। इससे हजारों की संख्या में तेंदूपत्ता श्रमिकों का फायदा मिलेगा। इस बार 2500 रुपए प्रति मानक बोरा के रेट निर्धारित किए गए हैं।
हो रहा है शाख कर्तन
तेंदुपत्ता संग्रहण करने वाली समितियों ने तेंदुपत्ता संग्रहण को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है। वर्तमान में जंगल के जिन क्षेत्रों में तेंदुपत्ता बहुतायत रूप में मिलता है, वहां वन विभाग द्वारा शाखा कर्तन कराया जा रहा है। शाख कर्तन होने के महज 45 दिनों में पेड़ में पत्तियां आने लगती हैं। कार्यालय प्रबंध संचालक जिला वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित पश्चिम से मिली जानकारी अनुसार इस बार 22 वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य मई के पहले सप्ताह से शुरू हो सकता है।
करोड़ों का मिलता है राजस्व
मंडला जिले में तेंदुपत्ता संग्रहण से ही विभाग को करोड़ों रुपए का राजस्व मिल जाता है। पिछले साल कारोना संक्रमण काल के दौरान 22 करोड़ 58 लाख रुपए का राजस्व तेंदुपत्ता संग्रहण से हुआ था वहीं इस बार विभाग द्वारा 30 से 35 करोड़ के राजस्व प्राप्ति की संभावना जताई गई है।
पत्ता तोडऩे व गड्डी बनाने का जिम्मा श्रमिकों पर तेंदूपत्ता कार्य में लगने वाले श्रमिकों को काफी मेहनत करनी पड़ती है। सबसे पहले जंगल में जाकर तेंदू के पेड़ से पत्ते तोड़ते है। तेंदूपत्ता घर लाने के बाद कटे फटे पत्ते हटाते हैं और साबुत पत्तों की परिवार के सदस्य मिलकर गड्डियां बांधते हैं। तेंदूपत्ता की गड्डी संबंधित ग्राम वन समिति में जमा कराते हैं। 250 रुपए प्रति सैकड़ा की दर से मजदूरों को भुगतान किया जाता है। मई माह के दौरान गांव गांव में तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य में लोग व्यस्त रहते हैं।
जितना पत्ता बढ़ेगा उतनी ज्यादा कमाई
गर्मी के सीजन में तेंदूपत्ता की तुड़ाई शुरू होने का सबको इंतजार रहता है। इससे हमारी इतनी कमाई हो जाती है कि उससे करीब तीन महीने तक परिवार का गुजारा ठीक से कर लेते हैं। इस सीजन में तेंदूपत्ता की पैदावार बेहतरीन होने से परिवार को अच्छी आमदनी की आस बंध गई है। शाखाओं के अच्छे फुटान से जितना पत्ता बढ़ेगा उतनी ही ज्यादा कमाई होगी।
जिले का तेंदुपत्ता सबसे अच्छा
तेंदूपत्ता की पैदावार और क्वालिटी के आधार पर राज्य स्तर पर रेट तय होती है। इसमें तेंदूपत्ता संग्राहकों को पारिश्रमिक के अलावा वन विभाग को होने वाले मुनाफे में बोनस भी अलग से दिया जाता है। तेंदुपत्ता मध्यप्रदेश में कई अन्य जिलों में भी होता है, लेकिन मंडला जिले के तेंदुपत्ता को प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश में सबसे अच्छी क्वालिटी का माना जाता है। कार्यालय प्रबंध संचालक जिला वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित पश्चिम के अधिकारियों का कहना है कि मंडला जिले के जंगलों में जो तेंदुपत्ता होता है, उसकी क्वालिटी इसलिए अच्छी मानी जाती है क्योंकि यहां के तेंदुपत्ता का आकार बड़ा होता है, अन्य स्थानों में पाए जाने वाले तेंदुपत्ता की अपेक्षा मंडला जिले का तेंदुपत्ता वजन में भी अधिक होता है। इसके अलावा जिले के जंगलों में जो तेंदुपत्ता मिलता है, वह काफी नरम होता है जिससे ठेकेदारों में भी मंडला जिले तेंदुपत्ता को खरीदने में अच्छी रूचि दिखाई जाती है।
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