इनका कहना है
क्षेत्र में गन्ने का उत्पादन तो हो रहा है लेकिन सुगर मिल ना होने के कारण उससे वाजिब दाम नहीं मिल रहे है। जिसके कारण किसानों द्वारा गन्ने का रकबा कम किया जा रहा है और अन्य फसलों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
दुष्यंत कछवाहा, रामबाग
सरकार की लचर कार्यप्रणाली और गन्ने व गुड़ का उचित दाम नहीं मिलने के कारण गन्ने के रकबे में कमी आई है। अब गन्ने की फसल की तरफ से क्षेत्र के किसानों का मोह भंग होता जा रहा है और किसान गेहूं, चना और अन्य फसलों पर ध्यान दे रहे है।
राजेश कछवाहा, कौरगांव
क्षेत्र के किसानों को गन्ने की फसल से ज्यादा आर्थिक लाभ नहीं हो रहा है, साथ ही शुगर मिल बंद होने से गन्ने की फसल में काफी प्रभाव पड़ा है। जिसके कारण किसान अब गन्ने की जगह अन्य फसलों को लगाने में फायदा मान रहे है।
प्रीतम कछवाहा, सूर्यकुण्ड सकवाह
गन्ने की फसल के स्थान पर अब क्षेत्र के किसान गेहूं व अन्य फसलों को लगाने में रूचि दिखा रहे है। धीरे-धीरे क्षेत्र से गन्ने का रकबा कम होता जा रहा है। उचित मूल्य और मंडी में गुड के भाव सही ना मिलने से गन्ने की फसल की तरफ किसान ध्यान अब कम देने लगे है।
दुर्गा प्रसाद