घर पर उमड़ा हुजूम गांववालों ने बताया कि गांव और आसपास के युवा उनसे बहुत प्रभावित हैं। उनकी राह पर चलने का सपना देखते हैं। पुलवामा हमले (Pulwama Terrorist Attack) में उनके लापता होने की जानकारी घरवालों के साथ-साथ ग्रामीणों को हो गई है। रात्रि में ही हुजूम घर पर उमड़ना शुरू हो चुका था। ग्राम प्रधान गीतिका यादव मौके पर मौजूद रहे। हमले की जानकारी के बाद से गांववाले पुख्ता खबर का इंतजार करते रहे। रात करीब 11 बजे तक इतना पता चल सका कि राम वकील का नाम लापता सैनिकों की सूची में शामिल है।
आठ फरवरी को मैनपुरी से गए थे राम वकील के तीन बच्चे राहुल (15), साहुल (10) और गोलू (3) हैं। उनकी मां का नाम अमितश्री है। पिता की काफी पहले ही मौत हो चुकी है। बड़े भाई राम नरेश ही यहां परिवार की देखरेख कर रहे हैं। बताया गया कि दिन में राम वकील की अपनी पत्नी गीता से बात हुई थी। वे 8 फरवरी को ही मैनपुरी से गए थे। घरवालों से करीब-करीब रोज ही बात होती थी। पुलवामा हमले के बाद से कोई पता नहीं चल रहा है।