ये भी पढ़ें- मुलायम की छोटी बहू अपर्णा का धमाकेदार ऐलान, 2019 चुनाव से पहले यूपी की सियासत में मचा हड़कंप बुंदेलखंड राज्य बनने से ही इस क्षेत्र का विकास संभव- “भीख नहीं अधिकार चाहिए, बुंदेलखंड राज्य चाहिए, बुंदेलखंड तो लेके रहेंगे, जैसे दोगे वैसे लेंगे” जैसे जोशीले नारों के साथ महोबा ही नहीं समूचे बुंदेलखंड के झांसी, ललितपुर, जालोंन, बांदा, हमीरपुर चित्रकूट का आसमान गुंजायमान हो उठा है। उत्तरप्रदेश में बुंदेलखंड के लोगों ने बीजेपी को लोकसभा की 4 सीट ओर विधानसभा में 19 सीट देकर ऐतिहासिक जीत दिलाई थी। बावजूद यहाँ का समुचित विकास आज तक नही हो सका है। बुंदेलखंड क्षेत्र में अपार खनिज संपदा है। केंद्र की मोदी सरकार जल्द से जल्द बुंदेलखंड को अलग राज्य का तोहफा देगी। विधानसभा में बुंदेलखंड के सभी विधायकों द्वारा सत्र के दौरान बुंदेलखंड अलग राज्य का मुद्दा उठाये जाने से आंदोलनकारी भी खासे उत्साहित हैं। बीजेपी किसान मोर्चा के राष्टीय मंत्री ने भी अनशन स्थल पहुंचकर बीजेपी को बुन्देलखंड राज्य का पक्षधर बताया। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड राज्य बनने से ही इस क्षेत्र का विकास संभव है। बीजेपी के विधायक इसको लेकर अब अपनी आवाज उठाने लगे हैं।
महोबा शहर के आल्हा चौक पर 177 दिनों से पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग की जा रही है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा के शीत कालीन सत्र में क्षेत्र के सभी 19 बीजेपी विधायकों ने एक साथ मांग उठाई है। देश में तमाम राज्य ऐसे हैं, जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकृत कर छोटे राज्य का तोहफा दिया है। सरकार ने पहले भी उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, झारखंड राज्यों का निर्माण कर उन्हें विकासवादी राज्य बनाया है। सरकार का एक कदम अगर बुंदेलखंड की ओर बढ़ता है, तो आगामी लोकसभा चुनाव में जीत के बेहतर नतीजे सामने आएंगे। अलग राज्य के लिए बुंदेली समाज अनशन पर बैठा है। समाज के संस्थापक तारा पाटकार कहते हैं कि विधायकों द्वारा अच्छी पहल की गई है। विधान सभा से उठी मांग लोक सभा तक पहुँचाने की जरुरत है। अब हमें उम्मीद है। सांसदों से भी हम लोग मांग करते हैं, इस मुद्दे को जरूर उठाये। लोग ईमानदार नहीं रहे, इसलिए पूर्व में ये मुद्दा उठा, मगर राज्य नहीं बन सका, लेकिन आर पार की लड़ाई बुंदेलखंडवासी लड़ने के लिए तैयार हैं।