Chhath Puja 2024: छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में चार दिवसीय छठ महापर्व के तीसरे दिन गुरुवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य प्रदान किया जाएगा। लोग व्रत रखकर सूर्य की उपासना करेंगे और छठी मैया के गीत भी गाए जाएंगे। महामाया तालाब में आज भोजपुरी समाज के लोग एकत्रित होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य प्रदान करेंगे।
Chhath Puja 2024: नहाय-खाय के साथ पर्व की शुरुआत हुई थी। बुधवार को खरना की रस्म निभाई गई। व्रतियों ने पूजा-अर्चना कर व्रत रखने का संकल्प लिया। रात में दाल और लौकी की सब्जी को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। खरना में श्रद्धालु खीर का प्रसाद बनाकर छठी मैया को भोग लगाया। इसके साथ ही 36 घंटे का व्रत शुरू किया। सात नवंबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
महामाया तालाब में लोग सूर्य को अर्घ्य देते हैं। समाज के लोग नए-नए वस्त्र पहनकर सूर्य की उपासना करते है। बुधवार को पूजा में उपयोग की जाने वाली सामग्री फल व सब्जियां व अन्य सामग्री की खरीदारी की गई। 8 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और चार दिवसीय पर्व का समापन होगा। इसके अलावा समाज के लोग आतिशबाजी करेंगे।
क्यों दिया जाता है डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सायंकाल में सूर्य अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं। इसलिए छठ में शाम के समय सूर्य की अंतिम किरण प्रत्यूषा को अर्घ्य देकर उनकी उपासना की जाती है। ज्योतिषियों का कहना है कि ढलते सूर्य को अर्घ्य देकर कई मुसीबतों से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके अलावा सेहत से जुड़ी भी कई समस्याएं दूर होती हैं।
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