अजय कुमार लल्लू ने शिक्षामित्रों से भाजपा सरकार के द्वारा की गई वादाखिलाफी पर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को घेरते हुए कहा कि शिक्षामित्र जो अपना पूरा समय सेवाओं में दे रहे हैं। 2017 में चंदौली की जनसभा में प्रधानमंत्री ने वादा किया था कि एक साल के अंदर शिक्षामित्रों क का स्थाई समायोजन किया जायेगा, लेकिन साढे चार साल गुजर गये अभी तक कोई नियमतिकरण नहीं हो पाया। प्रदेश के हजारों शिक्षामित्रों ने आत्महत्या कर ली। उनके परिवार अनाथ हो गये, लेकिन सरकार की संवेदना नहीं दिखी। यहां तक कि जो शिक्षामित्र पंचायत चुनाव में डयूटी पर गये थे, ड्यूटी के दौरान कोरोना के कारण उनकी मृत्यु हो गई उनके परिवार के एक सदस्य को सरकार द्वारा नौकरी देने का वादा भी अब तक पूरा नहीं हुआ।
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष ने मनरेगा कर्मचारियों के मानदेय को लेकर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि लोगों को रोजगार देने में सबसे महत्वपूर्ण मनरेगा में काम करने वाले कर्मचारी निरंतर अपना मानदेय बढ़ाने के लिए सरकार से मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनको झूठे आश्वासन देकर धरना को स्थगित करा रही है। क्या धरना समाप्त कराने से समस्या का समाधान हो जायेगा? आज मंहगाई चरम सीमा पर है, इसलिए सरकार को गंभीरता पूर्वक उनकी समस्याओं को देखते हुए उनका मानदेय बढ़ाने को तुरंत आदेश देना चाहिए।