ज्यादा प्रीमियम मतलब ज्यादा नुकसान अमूमन धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के मुकाबले सामान्य व्यक्ति से बीमा कंपनियां कम प्रीमियम वसूलती हैं। इससे जाहिर है कि ज्यादा प्रीमियम वसूलने वाले को सामान्य व्यक्ति के मुकाबले ज्यादा हानि होती है। उदाहरण के तौर पर आप धूम्रपान नहीं करते हैं तो सबसे निचले प्रीमियम स्तर पर सालाना 6490 रुपये बचने का मतलब हर माह करीब 542 रुपये की बचत है। इससे 30 साल में करीब 1.95 लाख रुपये बचेंगे। यदि 542 रुपये हर माह एसाआईपी में 12 फीसदी के अनुमानित रिटर्न पर निवेश करेंगे तो 30 साल में आपकी पूंजी बढ़कर करीब 16.54 लाख रुपये हो जाएगा। इस तरह धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को ऊंचे प्रीमियम की वजह से करीब 16 लाख रुपये का नुकसान हुआ।
बीमा दावा हो सकता है रद्द कई बार लोग महंगे प्रीमियम से बचने के लिए पॉलिसी जारी करने के समय बीमा कंपनी से अपनी धूम्रपान की आदतों का खुलासा नहीं करते हैं। ऐसा होन पर बीमा दावा करते समय कंपनी को जानकारी मिलती है तो वह आपके दावा को रद्द भी कर सकती है। कई बार कंपनियां मेडिकल टेस्ट भी कराने का विकल्प देती हैं।