सरकार ने इस वजह से शुरू की प्रतियोगिता प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ पौधरोपण को जनआंदोलन के रूप में चलाएंगे है। इसके तहत जलवायु के अनुकूल अलग-अलग इलाकों के लोगों को निशुल्क पौधे दिए गए हैं। साथ ही हर जिले के लिए अलग-अलग लक्ष्य तय किए गए हैं। अब तक 17 करोड़ से अधिक पौधे जा चुके हैं। इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए सरकार ने ‘पौधे लगाओ, इनाम पाओ’ नाम से एक प्रतियोगिता भी शुरू की है। इसके तहत पौध लगाने की फोटो वन विभाग के वेबसाइट पर लोड करनी होगी। पौधरोपण वाली खास प्रविष्टियों को सरकार पुरस्कृत भी करेगी। हालांकि
योगी सरकार के कार्यकाल में वन महोत्सव के दौरान अब तक 60,24,46,551 पौधे लगाए जा चुके हैं। जबकि पर्यावरण दिवस और ऐसे ही अन्य अवसरों पर लगने वाले पौधों की संख्या इसके अलग है।
इन पौधशालाओं में तैयार हुए हैं पौधे वन विभाग को नोडल एजेंसी बनाया गया है। साथ ही 26 अन्य विभाग इसमें सहयोग कर रहे हैं। इन विभगों को कुल 19.20 करोड़ पौध रोपड़ का लक्ष्य दिया गया है। बाकी 10.80 करोड़ पौधे वन विभाग लगाएगा। कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार हर जिले में लोगों की मांग के अनुसार समय से पौधे उपलब्ध हों, इसके लिए वन विभाग की 1813 पौधशालाओं में 42.17 करोड़ पौध तैयार किए जा चुके हैं। इसके अलावा रेशम और उद्यान विभाग भी अपनी नर्सरियों में पौध तैयार किए हैं। सरकारी विभागों, विभिन्न अदालतों के परिसर, किसानों, संस्थाओं, व्यक्तियों, निजी और सरकारी स्कूलों, केंद्र सरकार के उपक्रमों, स्थानीय निकायों, रेलवे, रक्षा, औद्योगिक इकाइयों, सहकारी समितियों को पहले की तरह वन विभाग निःशुल्क पौधे उपलब्ध कराएगा। पारदर्शिता के लिए जो विभाग पौधे लगाएगा वह उस जगह की जिओ टैंगिग भी कराएगा।
यूपी सरकार ने हरियाली को दिया बढ़ावा योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से हर साल रिकॉर्ड पौधरोपण हुआ है। रिकॉर्ड पौधरोपण के कारण पिछले चार साल में उत्तर प्रदेश में वनावरण और वृक्षावरण दोनों में वृद्धि हुई है। फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की स्टेट फारेस्ट रिपोर्ट 2019 के अनुसार उत्तर प्रदेश में 2017 की तुलना में वनावरण में 127 किलोमीटर की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश का वृक्षावरण राष्ट्रीय औसत 2.89 फीसद की तुलना में 3.05 फीसद है।
झांसी में स्मृति वाटिका की स्थापना करेंगी राज्यपाल वन महोत्सव के दौरान उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल झांसी (सिमरधा डैम) पर स्मृति वाटिका की स्थापना करेंगी। उनके द्वारा वहां पर बहुपयोगी पौधों पोषक तत्वों और ओषधीय गुणों से भरपूर पौधे लगाएंगी। इनकी कुल संख्या करीब पांच हजार होगी। इन पौधों में आंवला, हरड़, ढाक, कदम्ब, बरगद, गूलर, जामुन, इमली, बेल, नीम, अर्जुन,कैथा, मौलश्री, सहजन और बहेड़ा सहित अश्वगंधा, सतावर, सर्पगंधा, पीपली, दुद्धि, गिलोय, तुलसी, ग्वारपाठा, सफेद मूसली और बालमखीरा आदि औषधीय पौधे इस स्मृति वाटिका को और मनोरम बनाएंगे।