इस बार भी पुरानी फीस व्यवस्था शिक्षा मंत्री ने बताया कि बीेटेक की प्रवेश और फीस नियमन समिति की तरफ से उपलब्ध कराए गए प्रस्ताव और यूपीपीसीए व अन्य अभियंत्रण संस्थाओं की ओर से प्रस्तुत प्रत्यावेदनों पर विचार करने के बाद ही ये फैसला लिया गया कि 2018-19 में (सत्र 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21) में तीन सालों के तय ‘मानक शुल्क’ और ‘मानक शुल्क से इतर शुल्क’ को 2021-22 की तरह ही इस बार भी वैसे ही रखा जाएगा।
सरकार ही तय करती है ट्यूशन फीस दरअसल, पिछले साल फीस का पुनर्निर्धारण होना था लेकिन कोविड के चलते पुरानी फीस व्यवस्था को ही लागू कर दिया गया। इस साल भी यही फीस लागू रखने का फैसला लिया गया है। प्रदेश में स्थित निजी कॉलेजों की फीस उनके आय-व्यय के हिसाब से तय होती है। प्रदेश सरकार ट्यूशन फीस तय कर देती है। संस्थाएं अन्य मदों में शुल्क ले सकती है लेकिन ट्यूशन फीस सरकार ही तय करती है। मसलन, बीटेक की ट्यूशन फीस 55,000 प्रति सेमेस्टर है और संस्थाएं इससे ज्यादा शुल्क नहीं वसूल सकती।