सरकार का प्रयास: खरीफ विपणन वर्ष में 31 दिसंबर तक होगी मोटे अनाज की खरीद
योगी सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए 2.20 लाख टन बाजरा, 15 हजार टन मक्का और 20 हजार टन ज्वार की खरीद का लक्ष्य रखा है। अब तक सरकार ने ज्वार की खरीद में लक्ष्य को पार कर लिया है। आंकड़ों के अनुसार, सरकार ने 28,631 मीट्रिक टन ज्वार की खरीद की है, जो लक्ष्य से अधिक है। बाजरा की बात करें तो अब तक 13,617 किसानों से 73,246 मीट्रिक टन बाजरा की खरीद हो चुकी है। सरकार ने किसानों को 200 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया है, जो सीधे उनके खातों में ट्रांसफर किया जा रहा है। यह प्रक्रिया किसानों के लिए पारदर्शी और आसान बनाई गई है।Yogi Government का बड़ा फैसला: 30 जून और 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के लिए खुशखबरी
MSP का निर्धारण: किसानों के हित में नई क्रय नीति
सरकार ने मोटे अनाजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय कर दिया है: मक्का: 2225 रुपये प्रति क्विंटलबाजरा: 2625 रुपये प्रति क्विंटल
ज्वार (हाइब्रिड): 3371 रुपये प्रति क्विंटल
ज्वार (मालदांडी): 3421 रुपये प्रति क्विंटल
इससे किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल रहा है और वे मोटे अनाज की खेती की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं।
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क्रय केंद्रों पर सुविधाएं: किसानों की सहूलियत को प्राथमिकता
प्रदेश भर में बाजरा के लिए 306 क्रय केंद्र और ज्वार के लिए 79 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों पर किसानों को उनकी फसल बेचने के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। केंद्र सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुले रहते हैं। किसानों के लिए बैठने, पानी, छाया और धान सुखाने की उचित व्यवस्था की गई है। 48 घंटे के भीतर भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है, जिससे किसानों को आर्थिक राहत मिल रही है। धान की खरीद के लिए भी प्रदेश में 4,323 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां अब तक 3,27,915 किसानों से 23 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की गई है।यूपी पुलिस सिपाही भर्ती: 26 दिसंबर से शारीरिक परीक्षा, हर जिले में व्यापक तैयारियां
श्रीअन्न: स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीकयोगी सरकार ने मोटे अनाजों को “श्रीअन्न” का नाम देकर इसे खास तवज्जो दी है। श्रीअन्न न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि जलवायु परिवर्तन के दौर में यह फसल कम पानी में भी उगाई जा सकती है। सरकार का उद्देश्य मोटे अनाजों को ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार बनाना है। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि प्रदेश की खाद्य सुरक्षा भी मजबूत होगी।
किसानों का कहना है कि योगी सरकार की योजनाओं से उन्हें न केवल आर्थिक मजबूती मिली है, बल्कि खेती के प्रति उनका उत्साह भी बढ़ा है। गोरखपुर के किसान रमेश यादव ने कहा, “पहले हमें अपनी फसल का उचित मूल्य नहीं मिलता था, लेकिन अब सरकार ने एमएसपी तय कर दिया है। इससे हमें बड़ा लाभ हुआ है।”